कार्यकर्ताओं का कहना है कि अन्य प्रदेशों में आशाओं केा ज्यादा मानदेय दिया जा रहा है, लेकिन मप्र में महज 2 हजार रुपए मानदेय मिल रहा है। जबकि मप्र में दूसरे राज्यों के मुकाबले आशा कार्यकर्ताओं से अधिक कार्य कराया जा रहा है। उन्हें सरकार की हरेक योजना में लगा दिया जाता है जबकि मानदेय के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है। इसके चलते आशा कार्यकार्तओं की आर्थिक स्थिति दिनोंदिन खराब हो रही है। प्रदर्शन के दौरान राधा सोनी, ज्योति शर्मा सहित अन्य आशाएं मौजूद रही।