रिश्वत लेते पकड़े बाबू को 4 साल की सजा
श्योपुरPublished: Oct 05, 2016 11:57:00 pm
विजयपुर कन्या विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक से ली गईथी १२ हजार रुपए की रिश्वत,जिला एवं सत्र न्यायालय ने सुनाई सजा
श्योपुर. डीईओ कार्यालय श्योपुर के लेखापाल रहे रामकुमार सिंह कुशवाह को 12 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्योपुर आलोक कुमार वर्मा की अदालत ने चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही साढ़े 7 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। लेखापाल ने विजयपुर के वरिष्ठ अध्यापक से यह रिश्वत विभागीय कार्यवाही से बचाने के बदले ली थी।
मामले के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लेखापाल और स्थापना शाखा प्रभारी रहे रामकुमार सिंह कुशवाह ने शासकीय कन्या उमावि विजयपुर के वरिष्ठ अध्यापक पीके शर्मा से विभागीय कार्यवाही से बचाने के लिए 20 हजार की रिश्वत की मांगी थी। बाद में इनके बीच सौदा 12 हजार रुपए में तय हो गया। इसके बाद वरिष्ठ अध्यापक शर्मा ने इसकी शिकायत 12 मई 2014 को लोकायुक्त ग्वालियर में कर दी। जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने 15 मई 2014 को श्योपुर पहुंचकर लेखापाल रामकुमार सिंह कुशवाह को उसके निवास से वरिष्ठ अध्यापक से 12 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
लोकायुक्त ने इस मामले में प्रकरण बनाकर चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय ने विचारण के बाद लेखापाल रामकुमार सिंह कुशवाह को भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 में 3 साल का सश्रम कारावास, 2500 रुपए जुर्माना और धारा 13 वन डी, एवं टू डी में 4 साल का सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। जिले के इस चर्चित मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी डीपीओ आरके बरैया ने की।
तत्कालीन डीईओ भी नपेंगे
इस मामले में तत्कालीन के जिला शिक्षा अधिकारी हरिओम चतुर्वेदी भी नप सकते है। विभागीय सूत्रों की माने तो लेखापाल ने वरिष्ठ अध्यापक पीके शर्मा से 12 हजार रुपए की रिश्वत 10 हजार डीईओ को देने और २ हजार खुद रखने की बात कहकर ली थी। यही कारण है कि लोकायुक्त टीम ने इस मामले में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को आरोपी बनाते हुए जांच की कार्रवाई शुरु की। हालांकि अभी जांच लोकायुक्त टीम के पास ही है। लोकायुक्त द्वारा चालान न्यायालय में प्रस्तुत करने पर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी को भी इस मामले में सजा हो सकती है।