राजस्थान के झालावाड़ जिले में बड़ी संख्या में कौओं की मौत के बाद मध्यप्रदेश के पड़ोसी जिले मंदसौर व मालवा के अन्य जिलों में बर्डफ्लू की पुष्टि होने के बाद यूं तो प्रदेश भर मेें अलर्ट जारी किया गया है। लेकिन राजस्थान के पड़ौसी जिलों में ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। यही वजह है कि राजस्थान से सटे श्योपुर जिले में भी पशुपालन विभाग चौकन्ना हो गया है। इसी के तहत उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. आरएस सिकरवार ने मैदानी अमले को पत्र जारी कर अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा है कि कौए या किसी अन्य पक्षी की संदिग्ध मौत नजर आए तो तत्काल सूचना दें। इसके अलावा जिले में 24 मुर्गियों के सैंपल लिए हैं, जिनमें जिले के तीनों विकासखंडों से पशु चिकित्सकों की टीम ने 8-8 मुर्गे-मुर्गियों की सैंपलिंग की है। इनमें संबंधित मुर्गे-मुर्गी की बीट और ब्लड के सैंपल लेकर भोपाल भेजे जाएंगे। हालांकि विभागीय अफसर अभी जिले में बर्डफ्लू की किसी भी स्थितियों से इंकार कर रहे हैं, लेकिन विभाग अलर्ट मोड पर है।
राजस्थान में बर्डफ्लू की दस्तक की स्थिति ये है कि श्योपुर जिले के पड़ोसी राजस्थान के जिलों में भी इसकी आहट है। बताया गया है कि जिले की सीमा से सटे राजस्थान के कोटा, बारां और सवाईमाधोपुर जिलों में भी कुछ जगह कौओं की संदिग्ध मौत की स्थितियां सामने आई हैं। ऐसे में श्योपुर जिले में अलर्ट जरूरी है, ताकि यहां बर्डफ्लू के आने से पहले ही नियंत्रण के उपाय किए जा सकें।
जिले में मुर्गी पालन के बड़े केंद्र तो नहीं हैै, लेकिन छोटे रूप में निजी स्तर पर लोग मुर्गीपालन व्यवसाय से जुड़े हैं। पशुपालन विभाग की ही 20वीं पशु संगणना(वर्ष 2019 में हुई) के मुताबिक जिले में 94 हजार 447 मुर्गा-मुर्गी थे। ऐसे में अब एक साल बाद तो ये संख्या एक लाख के पार हो गई होगी। इसके साथ ही जिले में अन्य पक्षियों की भी बहुतायत है, ऐसे में बर्डफ्लू मुसीबत बन सकता है।
डॉ.आरएस सिकरवार
उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं श्योपुर