मालूम हो कि दो नपाकर्मियों के साथ मारपीट के मामले में नपाध्यक्ष दौलतराम गुप्ता ने बुधवार की सुबह कोतवाली थाने में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां न्यायालय ने उन्हें 50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। जमानत मिलने के बाद नपाध्यक्ष गुप्ता नगरपालिका भी पहुंचे।दो दिन पूर्व अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद नपाध्यक्ष गुप्ता बुधवार की सुबह कोतवाली पहुंचे और सरेंडर कर दिया।
पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और विश्ेाष न्यायाधीश एमएस चंद्रावत की अदालत में पेश किया। जहां आरोपी पक्ष की ओर से जमानत का आवेदन भी लगाया गया, जिस पर न्यायालय ने शासन के अभिभाषक, आरोपी व फरियादी के अभिभाषकों के तर्कों को सुना और जमानत दे दी।
विशेष बात यह है कि एट्रोसिटी एक्ट में जमानत आवेदन पर सुनवाई के लिए फरियादी को भी सूचना दी जाती है, तभी सुनवाई होती है। इसी के तहत जब नपाध्यक्ष की ओर से जमानत का आवेदन लगाया गया तो थोड़ी देर बाद ही फरियादी की ओर से भी अभिभाषक न्यायालय में उपस्थित हो गए, जिसे न्यायालय ने मान लिया और फिर सुनवाई शुरू की।
न्यायालय से जमानत मिलने के बाद नपाध्यक्ष गुप्ता नगरपालिका पहुंचे और अपना कामकाज संभाला।उल्लेखनीय है कि नगरपालिका के दो कर्मचारियों पुष्पेंद्र अहिरवार और विकास कुमार की रिपोर्ट पर पुलिस ने नपाध्यक्ष दौलतराम गुप्ता पर एट्रोसिटी एक्ट व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था।
लगभग एक माह पूर्व के इस मामले में गुप्ता पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी और उन्होंने न्यायालय में अग्रिम जमानत भी लगाई, लेकिन वो खारिज हो गई, जिसके बाद बुधवार को उन्होंने सरेंडर किया।