जिले में गत 15 अप्रैल से गेहूं खरीदी चल रही है और 22 मई तक के 38 दिनों में 79 केंद्रों पर 20 हजार 56 9 किसानों ने गेहूं बेचा है। जबकि इस बार गेहूं विक्रय के लिए 25 हजार 291 किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। इस लिहाज से अभी 4 हजार 722 किसान का नंबर नहीं आया है। हालांकि शुक्रवार की सुबह तक 25 हजार 194 किसानों को मैसेज जारी हो चुके हैं, लेकिन खरीदी की अंतिम तारीख 26 मई है, लिहाजा इन चार दिनों में कैसे खरीदी हो पाएगी, जबकि केंद्रों पर पहले ही लंबी-लंबी कतारें लगी हैं और किसानों का सात से आठ दिन में नंबर आ रहा है। ऐसे में किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि खरीदी की तारीख बढऩी चाहिए, ताकि सभी पंजीकृत किसानों का गेहूं बिक सके। अभी तक जिले में 20 लाख 72 हजार 770 क्ंिवटल गेहूं की खरीदी की जा चुकी है, जिसमें 17 लाख 28 हजार क्ंिवटल का उठाव हो चुका है।
कई किसानों के नहीं बन रहे कल्टीवेटर
जहां खरीदी की तारीख नही बढ़ी है, वहीं सहकारिता आयुक्त के आदेश के बाद अब पुराने मैसेजों पर खरीदी नहीं हो रही है, जिससे किसानों के कल्टीवेटर(भुगतान पर्ची) नहीं बन पा रहे हैं। परिणामस्वरूप किसानों का भुगतान अटक गया है। यही नहीं कई किसान पुराने मैसेजों से गेहूं बेचने में वंचित रह गए हैं।