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ओपीडी में नहीं मिले डॉक्टर तो भड़के मरीज

locationश्योपुरPublished: Dec 19, 2017 03:42:32 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

कई मरीज और अटेंडरों ने कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक की ओपीडी में डॉक्टरों न मिलने की शिकायत

irresponsible doctor
श्योपुर. भले ही जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने कलेक्टर पीएल सोलंकी ने अधिकारियों की प्रतिदिन जिला अस्पताल पहुंचकर निरीक्षण करने की ड्यूटी लगा दी। लेकिन इसके बाद भी अस्पताल की व्यवस्थाए नहीं सुधर रही है। ड्यूटी समय में ओपीडी से डॉक्टरों के नदारद होने जैसी लापरवाही तो रुक ही नहीं रही है। सोमवार को ओपीडी में कई डॉक्टरों की कुर्सियां खाली पड़ी नजर आई।

ओपीडी में अधिकांश डॉक्टरों की कुर्सियां खाली देख, कई मरीज और उनके अटेंडर भड़क गए। जिन्होंने हंगामा करते हुए ओपीड़ी में डॉक्टरों के नहीं मिलने की शिकायत कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक कर डाली। जिसके बाद कलेक्टर ने तत्काल डिप्टी कलेक्टर बीबीएल श्रीवास्तव को जिला अस्पताल भिजवाया। लेकिन तब तक ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने का समय खत्म हो गया था। लेकिन व्यवस्थाएं देखने पर डिप्टी कलेक्टर को भी जिला अस्पताल में कई अव्यवस्थाएं मिली।

ओपीडी से नदारद डॉक्टर घरों पर देख रहे थे मरीज
सोमवार को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे मरीजों को इमरजेंसी ड्यूटी में डॉ संजय जैन मिले। वही ओपीडी में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल यादव तथा डॉ आरबी गोयल ही बैठे नजर आए। ओपीडी में मिले मरीज और अटेंडरों ने बताया कि इन तीनों के अलावा अन्य कोई डॉक्टर ओपीडी में नहीं मिला। जबकि उनका ११ बजे तक इंतजार भी किया। मगर कोई नहीं पहुंचा। जिसकारण कई मरीज बिना इलाज लौट आए। जबकि बिना इलाज लौटे मरीजों को ओपीडी से गायब मिले कुछ डॉक्टर अपने घरों पर मरीजों का इलाज करते मिले। जहां मरीजों ने मोटी फीस देकर अपना इलाज करवाया।

जिला अस्पताल पहुंचे डिप्टी कलेक्टर को मिली अव्यवस्थाएं
ओपीडी में डॉक्टरों के न मिलने की शिकायत पर डिप्टी कलेक्टर बीबीएल श्रीवास्तव जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन उस समय तक ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने का समय खत्म हो गया था। लेकिन उन्होंने जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं अंदर जाकर देखी। जहां उनको कुछ कर्मचारी अनुपस्थित मिले। वहीं बेडसीट कम और आक्सीजन सिलेंडरों के अव्यवस्थित मिलने जैसी गंभीर लापरवाही भी मिली। जिसकी रिपोर्ट बनाकर उनके द्वारा कलेक्टर के समक्ष रख दी गई।

अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखने पहुंचा था। इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं में तो डॉक्टरों की उपस्थिति मिली। मगर कुछ कर्मचारी अनुपस्थित मिलने के साथ ही वार्ड में बेडसीट कम और ऑक्सीजन सिलेंडरों के अव्यवस्थित मिलने जैसी स्थितियां मिली है। जिसकी रिपोर्ट कलेक्टर साहब को प्रस्तुत कर दी।
बीबीएल श्रीवास्तव, डिप्टी कलेक्टर,श्योपुर

ओपीडी में डॉक्टर बैठे थे। मै खुद उनको ओपीडी में बैठा छोड़कर टीएल मीटिंग में शामिल होने के लिए गया था।
डॉ एनसी गुप्ता, सीएमएचओ/सिविल सर्जन श्योपुर

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