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अपने रिस्क पर खरीदें खाने-पीने का सामान

locationश्योपुरPublished: Oct 23, 2019 11:35:36 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

– स्वास्थ्य मंत्री के 365 दिन सैंपलिंग करने के आदेश का श्योपुर में नहीं हो रहा पालन- दो माह से सैंपलिंग का काम ठप, स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं फ्रिक- दीपावली में चार दिन शेष, एक भी सैंपलिंग नहीं हुए खाद्य सामग्री की

sheopur

अपने रिस्क पर खरीदें खाने-पीने का सामान

श्योपुर
दो माह से ज्यादा समय से स्थाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद खाली पड़ा है। जिससे जिले में खाद्य सामग्री की सैंपलिंग बंद है। बीते दिनों ग्वालियर प्रवास पर आए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने 365 दिन सैंपलिंग करने के निर्देश दिए थे, लेकिन जिले में स्वास्थ्य मंत्री के आदेश का पालन नहीं हो पा रहा है। जिले भर में पिछले दो माह से अधिक समय से खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग नहीं हुई है। ऐसे में प्रभारी खाद्य सुरक्षा अधिकारी आनंद शर्मा पर जिले का अतिरिक्त प्रभार डालकर सूबे की सेहत को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। दीपावली में चार दिन शेष हैंै, ऐसे में मिलावटखोरों की मौज तय है।
अगर आप खाने-पीने का सामान खरीद रहे हैं तो अपने रिस्क पर लें। खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच करने वाले खाद्य सुरक्षा अधिकारी जिले में नहीं है। स्वास्थ्य विभाग भी जांच को लेकर बेफ्रिक बना हुआ है। ऐसे में पुराने सैंपलों की जांच रिपोर्ट भी नहीं पा रही है। ग्वालियर में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी आनंद शर्मा को श्योपुर जिले का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ऐसे में ग्वालियर में काम का दबाव अधिक होने के चलते वह श्योपुर आकर सैंपलिंग की कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। कुल मिलाकर स्थिति ऐसी है मानो मिलावटखोरों को चांदी काटने की खुली छूट है।
जिले में स्थिति चिंताजनक
जिले के लिए स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि यह ऐसा जिला है जहां खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद होने के बावजूद महीनों से खाली है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय व प्रशासन की टीम मिलावट की जांच खाद्य सुरक्षा अधिकारी के बिना नहीं कर पा रही है। अगर जांच कर भी ली जाती है, तो बिना खाद्य सुरक्षा अधिकारी के उसे जांच के लिए राज्य स्तरीय लैब नहीं भेजा जा सकेगा।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सस्पेंड हुआ तब से दिक्कत
दूध डेयरी संचालक से सेंपल न भरने के नाम पर रिश्वत लेने का मामला भी श्योपुर में पकड़ा जा चुका है। इस मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी गिरीश राजौरिया को महकमे ने सस्पेंड कर दिया था। वीडियो वायरल होने पर इस मामले को लेकर काफी बबाल मचा था। तब से ही सैंपलिंग की कार्रवाई पूरी तरह से ठप पड़ी है। विभाग ने ग्वालियर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को श्योपुर का अतिरिक्त प्रभार दे, तो दिया लेकिन उनके ग्वालियर में काम के दबाव के चलते नहीं आ पाने से मिलावट की जांच नहीं हो पा रही है।
जांच को लेकरसीएमएचओ लाचार नजर आए
जिले में दीपावली त्यौहार पर मिलावट की जांच न हो पाने पर लाचार नजर आए। उनका कहना था कि अस्थाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी मिलने से सैंपलिंग का काम ठप पड़ा है। दरअसल खाद्य सुरक्षा अधिकारी को ग्वालियर से ही फुर्सत नहीं मिल पा रही है। सीएमएचओ ने कहा कि सैंपल लेने का पावर भी उन्हें नहीं है इसलिए भी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
धड़ल्ले से बिक रहा मिलावटी दूध, बन रही मिठाई
दीपावली त्यौहार पर मिठाई की डिमांड अधिक होने के चलते हलवाईयों ने मिठाई बनाने का काम शुरू कर दिया है। ऐसे में धड़ल्ले से दूध की बिक्री हो रही है। दरअसल इन दिनों दूध की आवक भी बड़ी है। दूध मिलावट कर बेचा जा रहा है। मिलावट की जांच न होने से मिलावट खोर बेखौफ होकर काम को अंजाम देने में लगे हैं। इधर स्वास्थ्य विभाग इसलिए हाथ पर हाथ धर कर बैठा है कि उसके पास सैंपल भरने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं है।
फैक्ट फाइल
जिले में मिष्ठान भंडार करीब- 2000
खाद्य एवं पेय सामग्री दुकान – 5000
मावा दुकान – 100
इनका कहना है
यह बात सही है कि दीपावली त्यौहार पर मिलावट का कारोबार बढ़ जाता है। इसको लेकर हम भी चितिंत हैं, लेकिन सैंपलिंग का काम इसलिए नहीं कर पा रहे हैं कि हमारे पास खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं है। ग्वालियर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को प्रभार दिया गया है, लेकिन वहां काम का दबाव अधिक होने के कारण वह यहां समय नहीं दे पा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने भी आदेश दिए हैं, लेकिन हम क्या करें।
डॉ.एआर करोरिया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, श्योपुर
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