मप्र-राजस्थान बॉर्डर पर स्थिति पार्वती एक्वाडेक्ट के 0 पाइंट से लेकर 169 किलोमीटर की सीआरएमसी(चंबल दाईं मुख्य नहर) जलसंसाधन विभाग के श्योपुर और सबलगढ़ डिवीजनों के अंतर्गत आती है। इस क्षेत्र में बाढ़ और बारिश से नहर 300 से अधिक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुई। ऐसे में अब रबी सीजन में पानी उपलब्ध कराने की चुनौती है। यही वजह है कि जलसंसाधन विभाग ने स्टीमेट बनाकर अब नहर की मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के तहत श्योपुर डिवीजन की 0 से 83 किलोमीटर की नहर के लिए लगभग 55 करोड़ और सबलगढ़ डिवीजन की 84 से 169 किलोमीटर तक की नहर के लिए 15 करोड़ 51 लाख रुपए के टेंडर लगाए गए हैं। बताया गया है कि ये टेंडर भोपाल में आगामी 8 सितंबर को खुलेंगे और उसके बाद 15 सितंबर से पहले धरातल पर काम शुरू होने की उम्मीद है। विभागीय अफसरों का दावा है कि 15 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच चंबल मुख्य नहर में जलप्रवाह कराने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और उससे पहले नहर की मरम्मत करा ली जाएगी।
डिस्ट्रीब्यूटरी और माइनरों की मरम्मत का कार्य अलग
श्योपुर व सबलगढ़ डिवीजन की 0 से 169 किमी की सीआरएमसी की मरम्मत के साथ ही जिले में सिंचाई के लिए फैले डिस्ट्रीब्यूटरी और माइनर नहरों के सिस्टम की भी मरम्मत कराई जाएगी। बताया गया है कि बारिश और बाढ़ से ये सिस्टम भी प्रभावित हुआ है। यही वजह है कि श्योपुर डिवीजन में लगभ 15 करोड़ और सबलगढ़ डिवीजन में लगभग साढ़े करोड़ रुपए की लागत के टेंडर डिस्ट्रीब्यूटरी और माइनर नहरों की मरम्मत को लगाए गए हैं।
लगा दिए हैं टेंडर
सीआरएमसी, डिस्ट्रीब्यूटरियों की मरम्मत के लिए टेंडर हमने भेज दिए हैं, जो भोपाल में 8 सितंबर को खुलेंगे। इसके बाद काम शुरू हो जाएगा और हमारा पूरा फोकस रबी सीजन में चंबल नहर में पानी उपलब्ध कराना है।
सुभाष गुप्ता. कार्यपालन यंत्री, जलसंसाधन विभाग श्योपुर