चैकडैम बनाने के लिए उपयोग की गई जेसीबी के निशान साफ दिखाई देते हैं इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों का कहना है कि डैम की खुदाई का जितना भी काम हुआ है वह भी रात के समय चोरी-छिपे पंचायत सचिव जेसीबी के माध्यम से कराया जाता है। जबकि जॉब कार्डधारी मजदूर पंचायत में काम के लिए चक्कर काटते रहते हैं। लेकिन उनको काम नहींं मिलता। ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से रोजगार न मिलने पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ है।
सब इंजीनियर द्वारा एक चैकडैम बनाए जाने का स्टीमेट 14 लाख 98 हजार का तैयार किया गया। लेकिन शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ ने इस स्टीमेट को घटाकर 10 लाख का कर दिया। गोपालपुर पंचायत के खुर्दबरा गांव में चैकडैम की आवश्यकता नहीं थी। इसके बाद एक किसान के खेत में चैकडेम बना दिया, जहां न तो पानी भराव की जगह है और न ही नाला फिर भी चैकडेम बना दिया गया।
लाडपुरा पंचायत के सरपंच ने सरकारी एमपीआरडीसी की सडक पर नाली बना दी। सडक़ बंधपुरा से लेकर गांधीचौक तक चौडी सडक निर्माण कार्य चल रहा लेकिन लाडपुरा सरपंच ने नाली निर्माण करा दिया। नाली निर्माण कराने के बाद पूरा पैसा आहरण कर लिया। जबकि नाली निर्माण का काम एमपीआरडीसी सडक़ निर्माण के बाद कराती, लेकिन पंचायत ने पैसों के लिए नाली निर्माण करा दिया।
ब्रह्मेन्द्र गुप्ता, सीईओ जनपद पंचायत विजयपुर