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कागजों में बन गए चेकडैम, अफसर अनजान

locationश्योपुरPublished: Oct 25, 2020 10:19:12 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

मजदूरों को रोजगार दिलाने की मंशा के साथ सरकार ने ग्रामीण स्तर पर मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने के आदेश भले ही दिए हों, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की पंचायतें मजदूरों को रोजगार देने के बजाय पंचायत चोरी-छिपे जेसीबी चलवाकर चैकडैम का निर्माण करा रही हैं।

कागजों में बन गए चेकडैम, अफसर अनजान

कागजों में बन गए चेकडैम, अफसर अनजान

श्योपुर/विजयपुर. मजदूरों को रोजगार दिलाने की मंशा के साथ सरकार ने ग्रामीण स्तर पर मनरेगा के तहत ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने के आदेश भले ही दिए हों, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की पंचायतें मजदूरों को रोजगार देने के बजाय पंचायत चोरी-छिपे जेसीबी चलवाकर चैकडैम का निर्माण करा रही हैं। विजयपुर विकासखंड में कागजों में चैकडैम बन गए, लेकिन न मजदूरों को रोजगार मिला और न गुणवत्ता परख निर्माण कार्य हुए। जबकि जॉब कॉर्डधारी मजदूर रोजगार की आस में पंचायतों के चक्कर काटते रहे।
विजयपुर जनपद की आधी से ज्यादा पंचायतों में 15-15 चैकडैम कागजों में तैयार हो गए। एक पंचायत तो ऐसी है जहां इतने चैकडेम बना दिए गए कि वहां पूरा गांव ही डूब क्षेत्र में आ गया। लाडपुरा, पिपरवास , अर्रोद , अगरा, पार्वती बढौदा , बैनीपुरा , गसवानी , गोपालपुर , इकलौद सहित दो दर्जन पंचायतों में चैकडैम और रपटा निर्माण में गड़बड़झाला हुआ। बावजूद इसके जनपद पंचायत के अफसर अनजान बने रहे। ऐसा नहीं है कि गड़बड़ी की शिकायत नहीं हुई शिकायत के बाद भी जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रात में होता है चोरी छिपे काम
चैकडैम बनाने के लिए उपयोग की गई जेसीबी के निशान साफ दिखाई देते हैं इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों का कहना है कि डैम की खुदाई का जितना भी काम हुआ है वह भी रात के समय चोरी-छिपे पंचायत सचिव जेसीबी के माध्यम से कराया जाता है। जबकि जॉब कार्डधारी मजदूर पंचायत में काम के लिए चक्कर काटते रहते हैं। लेकिन उनको काम नहींं मिलता। ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद से रोजगार न मिलने पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हुआ है।
14 लाख का स्टीमेट, घटाकर किया 10 लाख
सब इंजीनियर द्वारा एक चैकडैम बनाए जाने का स्टीमेट 14 लाख 98 हजार का तैयार किया गया। लेकिन शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओ ने इस स्टीमेट को घटाकर 10 लाख का कर दिया। गोपालपुर पंचायत के खुर्दबरा गांव में चैकडैम की आवश्यकता नहीं थी। इसके बाद एक किसान के खेत में चैकडेम बना दिया, जहां न तो पानी भराव की जगह है और न ही नाला फिर भी चैकडेम बना दिया गया।
एमपीआरडीसी की सडक़ पर बना दी नाली
लाडपुरा पंचायत के सरपंच ने सरकारी एमपीआरडीसी की सडक पर नाली बना दी। सडक़ बंधपुरा से लेकर गांधीचौक तक चौडी सडक निर्माण कार्य चल रहा लेकिन लाडपुरा सरपंच ने नाली निर्माण करा दिया। नाली निर्माण कराने के बाद पूरा पैसा आहरण कर लिया। जबकि नाली निर्माण का काम एमपीआरडीसी सडक़ निर्माण के बाद कराती, लेकिन पंचायत ने पैसों के लिए नाली निर्माण करा दिया।
ऐसा नहीं हो सकता की पंचायतों में चैकडैम नाम के बने हो या फिर मशीनों से काम कराया गया है। फिर भी हम पंचायतों में हुए चैकडैम निर्माण की जांच कराएंगे। जांच में अगर कुछ गलत मिलेगा तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ब्रह्मेन्द्र गुप्ता, सीईओ जनपद पंचायत विजयपुर
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