scriptकुपोषण छीन रहा बचपन, दो वर्षीय कुपोषित बच्ची की मौत | Childhood snatching malnutrition, two-year-old malnourished girl dies | Patrika News

कुपोषण छीन रहा बचपन, दो वर्षीय कुपोषित बच्ची की मौत

locationश्योपुरPublished: Sep 23, 2019 12:44:33 pm

Submitted by:

Anoop Bhargava

– विजयपुर के खुर्रका गांव का मामला

sheopur

कुपोषण छीन रहा बचपन, दो वर्षीय कुपोषित बच्ची की मौत

श्योपुर/विजयपुर
जिले के वनांचल गांव में कुपोषण बच्चों को छीन रहा है। सरकारी तंत्र बच्चों को इससे बचाने में नाकाम साबित हुआ है। सहसराम सेक्टर के गांव खुर्रका में दो वर्षीय कुपोषित बच्ची की मौत का मामला सामने आने के बाद भी जिम्मेदार हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। बताया जाता है कि बच्ची ने रविवार की दोपहर दमतोड़ा। एक साल पहले भाई की भी कुपोषण से मौत हो चुकी है।
मनदीप पुत्री मांगीलाल आदिवासी उम्र 2 साल निवासी खुर्रका लंबे समय से कुपोषित थी। रविवार दोपहर उसकी तबीयत बिगड़ी और उसने दमतोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि विजयपुर केपैरा गांव में बीते साल सितंबर माह में 6 कुपोषित बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। इसके बावजूद विभाग इस परियोजन सेक्टर में गंभीरता नहीं दिखा रहा है। वहीं विजयपुर के तिलंगापुरा गांव का तीन साल का विशाल पुत्र खिलाड़ी अतिकुपोषित है।
चार दिन पहले भी हुई है इस क्षेत्र में मौत
जानकारी के मुताबिक विजयपुर के दाऊदपुर गांव में चार दिन पहले यानि 16 सितम्बर को कुपोषित आशीष पुत्र घनश्याम की मौत हो चुकी है। जिसकी सूचना एकता परिषद के रामदीन आदिवासी ने विभागीय अफसरों को दी, लेकिन मौके पर कोई अफसर नहीं पहुंचा।
अब तीन टीम बनाने की बात कर रहे अफसर
परियोजना सेक्टर विजयपुर में कुपोषित बच्चे लगातार मिलने की शिकायत और मौत होने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी अब तीन टीम बनाकर कुपोषितों को खोजने और उन्हें एनआरसी में भर्ती कराने की बात कर रहे हैं। जबकि वरिष्ठ अधिकारी इस बात को लेकर निश्चिंत हैं कि परिजन बच्चों को भर्ती नहीं कराते हैं।
इधर कुपोषण के प्रति किया जा रहा जागरूक
महिला एवं बाल विकास विभाग कुपोषण के खिलाफ पोषण माह चला रहा है इसके तहत वह जागरूकता शिविर आयोजित कर लोगों को जागरूक करने में लगा है। बावजूद इसके जिले में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इनका कहना है
इस तरह की सूचना मुझे लगी है। गांव में टीम भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी। उसके बाद ही तय हो सकेगा की मौत कैसे हुई। वहीं क्षेत्र में तीन टीम भेजकर बच्चों को चिन्हित किया जाएगा।
जितेन्द्र तिवारी
परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो