14 दिन तक एनआरसी में किया जाता है भर्ती
श्योपुर जिले में 20-20 बेड की तीन एनआरसी (श्योपुर, कराहल और विजयपुर) संचालित हैं। जिसमें 14-14 दिन के लिए अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती कराया जाता है और निर्धारित पोषण आहार के साथ उपचार व प्रतिदिन मेडीकल चेकअप होता है। विशेष बात यह है कि एनआरसी से छुट्टी होने के बाद 2 माह तक स्वास्थ्य विभाग का अमला बच्चों का फॉलोअप भी करता है, बावजूद इसके शत-प्रतिशत बच्चे कुपोषणमुक्त नहीं हो पा रहे हैं।
जिले में कुपोषण की स्थिति गंभीर
कुपोषण के लिए बदनाम जिले में वर्तमान में भी स्थिति गंभीर है। बताया गया है कि लगभग तीन हजार के आसपास बच्चे अभी भी अतिकुपोषण की श्रेणी में है। आए दिन अतिकुपोषित बच्चे महिला बाल विकास विभाग की टीमों को मिल रहे हैं, जिन्हें एनआरसी में भर्ती भी कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले में खोले गए डे केयर सेंटर भी बंद पड़े हैं।
एनआरसी में भर्ती रहने के दौरान तो बच्चे का वजन बढ़ जाता है, लेकिन 14 दिन बाद बच्चा घर चला जाता है फिर वही घर का खान-पान होता है, ऐसे में बच्चा कमजोर हो जाता है। चूंकि एनआरसी में भर्ती रहने और फिर घर पर देा माह तक फॉलोअप के बाद कुपोषणमुक्त रेट निकाली जाती है, इस लिए इसका कम परसेंटेज आता है।
डॉ.एनसी गुप्ता
सीएमएचओ, श्योपुर
डॉ.एनसी गुप्ता
सीएमएचओ, श्योपुर