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कुपोषण से लड़ रहे हैं बच्चे, विभाग नाकामी छिपाने गायब करने में लगा आंकड़े

locationश्योपुरPublished: Oct 21, 2019 11:31:33 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

– विभागीय साइड से हटा दिए गए कम व अति कम वजन का डाटा- संयुक्त संचालक बोले..सब आंकड़े मौजूद, पासवर्ड से खुल रहा सब कुछ

sheopur

कुपोषण से लड़ रहे हैं बच्चे, विभाग नाकामी छिपाने गायब करने में लगा आंकड़े

श्योपुर
कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर काम कर रही है, इसके बावजूद कुपोषण जिले में कलंक बना हुआ है। जिले में आज भी हर माह 42 से 43 हजार बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने नाकामी छिपाने के लिए अपनी साइड से कुपोषण को अंकित करने वाला डाटा ही गायब कर दिया है। साइड पर जिला प्रोफाइल में पहले कम व अति कम वजन के बच्चों के आंकड़े अंकित किए जाते थे, लेकिन अब यह आंकड़े यहां से गायब हैं। प्रोफाइल में सिर्फ पोषाहार लाभार्थी की जानकारी प्रदर्शित हो रही है।
विभाग के अफसर साफ्टवेयर बदलने को इसका कारण बता रहे हैं, वहीं पासवर्ड से सब कुछ खुलने की बात भी कर रहे हैं। विजयपुर और कराहल तहसील में हर रोज कुपोषित बच्चे मिल रहे हैं। जिन्हें विभागीय अफसर एनआरसी में भर्ती करा कुपोषण का कलंक मिटाने का दावा करते हैं, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अफसर कुपोषित बच्चे और उनकी मौत का सिलसिला जारी है। विभागीय साइड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक हर माह 42000 से 49000 तक कुपोषित बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दर्ज किए जा रहे हैं। बीते तीन माह के आंकड़े विभाग की हकीकत बयां कर रहे हैं।
1226 आंगनबाड़ी केन्द्र जिले में
जिले भर में 1226 आंगनबाडी केन्द्र संचालित है जिन में हजारों की संख्या में बच्चे दर्ज है। बावजूद इसके बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। महिला बाल विकास विभाग कुपोषित ने बच्चों की स्थिति सामान्य लाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा दिए। बावजूद इसके स्थिति में बदलाव नहीं हुआ हैं। जिम्मेदारों ने इसके लिए पहल तो जरूर की लेकिन वो पहल कागजों तक ही सीमित होकर रह गई।
छह माह से 3 व 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों की स्थिति
विभागीय साइड से मिले आंकड़े बताते हैं कि छह माह से 3 वर्ष और 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों की स्थिति जिले में ठीक नहीं है। जुलाई माह में 6 माह से तीन वर्ष के 43 हजार 10 बच्चे दर्ज किए गए। इनमें से 41 हजार 394 को पोषाहार का लाभ दिया गया। वहीं 3 से 6 वर्ष तक के 49 हजार 14 बच्चे दर्ज हुए। लाभ 44 हजार 939 को मिला। अगस्त में 6 माह से 3 वर्ष तक के 42 हजार 931 बच्चे दर्ज हुए, पोषाहार का लाभ 39 हजार 417 को मिला। 3 से 6 वर्ष तक के 48 हजार 946 बच्चे दर्ज हुए। लाभ 44 हजार 227 को मिला। ऐसा ही मिलता जुलता हाल सितम्बर माह में रहा।
फैक्ट फाइल
माह वर्ष दर्ज संख्या लाभार्थी
जुलाई 6 माह से 3 वर्ष 43010 41394
3 से 6 वर्ष 49014 44393
अगस्त 6 माह से 3 वर्ष 42931 39417
3 से 6 वर्ष 48946 44227
सितम्बर 6 माह से 3 वर्ष 43225 36681
3 से 6 वर्ष 49302 40463
इनका कहना है
ऐसा नहीं है विभागीय साइड पर सब आंकड़े मौजूद हैं। अगर कुछ आंकड़े नहीं दिख रहे हैं, तो वह पासवर्ड से खुलते हैं। आंकड़े छिपाने जैसा कुछ भी नहीं है।
डीके सिदार्थ, संयुक्त संचालक
महिला एवं बाल विकास विभाग, चंबल संभाग
यह बोले डीपीओ
साफ्टवेयर में बदलाव होने के कारण ऐसा हो सकता है। वैसे सभी विभागीय आंकड़े साइड पर उपलब्ध हैं। इस बार साफ्टवेयर में बदलाव केन्द्र स्तर से हुआ है।
ओपी पांडे
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग श्योपुर
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