यही वजह रही कि लगभग एक घंटे बैठकर बच्चे और स्कूल प्रभारी वापिस लौट गए। इसको लेकर स्कूल प्रभारी और नगरपालिका के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी खालिद मोहम्मद कुर्रेशी ने कहा कि ये बच्चे आदिवासियों के हैं, इसलिए इनकी ओर न तो नगरपालिका ध्यान देती है और न ही शिक्षा विभाग।
बीते रोज नगर पालिका परिषद की बैठक में नपा के पदाधिकारियों द्वारा स्कूल में बच्चों की संख्या महज 19 ही बताए जाने पर विद्यालय के प्रभारी खालिद कुर्रेशी आधा सैकड़ा बच्चों को लेकर दोपहर 12 बजे के आसपास नगरपालिका पहुंचे, लेकिन यहां सीएमओ और अध्यक्ष दोनों ही नही मिले। यही वजह है रही कि बच्चे नगरपालिका की दहलीज पर बैठे रहे। हालांकि यहां हैडक्लर्क ओम आर्य को समस्या बताई, लेकिन उन्होंने सीएमओ को बताने को ही कहा। कुर्रेशी ने हेडक्लर्क आर्य को बताया आप लोगों को पता नहीं है कि स्कूल में बच्चे कितने हैं। जबकि कक्षा 1 से 5 तक के 50 बच्चों की मैपिंग शिक्षा विभाग की पोर्टल पर हो चुकी है और एलकेजी व यूकेजी में 27 बच्चे हैं। लेकिन इन बच्चों को न तो गणवेश मिलती रही है और न ही मध्यान्ह भोजन। लगभग एक घंटे इंतजार के बाद बच्चे वापिस लौटने को मजबूर हुए।
आदिवासी बच्चे हैं, इसलिए नहीं दे रहे ध्यान
नगरपालिका स्कूल में सुविधाएं बढ़ा नहीं रही है, शिक्षा विभाग विद्यालय को अपना नहीं समझता, ऐसे में इन 77 बच्चों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ये सभी बच्चे आदिवासी हैं, इसलिए कोई इस ओर ध्यान देना नहीं चाहता।
खालिद कुर्रेशी
प्रभारी, नेहरू बाल शिशु मंदिर श्योपुर
सुधरवाएंगे व्यवस्था
आज मैं कलक्ट्रेट में बैठक में था, इसलिए नगरपालिका में मौजूद नहीं था। लेकिन विद्यालय में व्यवस्थाएं जल्द ही सुधारेंगे और शिक्षकों की संख्या भी बढ़ाएंगे।
ताराचंद धूलिया
सीएमओ, नगरपालिका श्योपुर