चकपारोंद गांव में बीमारी से बुजुर्ग केदार आदिवासी, 23 साल के रामदासी आदिवासी व ढाई साल के एक बालक की मौत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन मौतों की पड़ताल कर रही है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने सीएमएचओ डा बीएल यादव को गांव में पहुंचाया. सभी ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर गंभीर 10 मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. गांव में ही अस्थाई अस्पताल बनाकर कुछ लोगों का इलाज शुरू किया। 6 मरीजों को गंभीर हालत में इलाज के लिए मुरैना ले जाने की जानकारी है। गांव में लगे एक हैंडपंप व पीने के पानी के काम आता एक कुआं के जल का भी सैंपल लिया गया है.
मौके पर पहुंची स्वास्थ्य टीम ने गांव के सभी 44 परिवारों के 234 सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण किया है. उन्हें जीवन रक्षक दवाओं के साथ ग्लूकोज आदि भी वितरित किए। गंभीर बीमारों को इलाज के लिए विजयपुर भेजा गया। चिकित्सीय टीम फिलहाल बीमारी का कोई कारण नहीं बता पा रही हैं लेकिन जिला प्रशासन इसे फूड प्वाइजिनिंग मान रहा है। टीम के अनुसार गांव के 18 लोग मुरैना के जौरा में धान लगाने गए थे. वहां से वे दूषित खाद्य सामग्री लेकर आए और इसके सेवन से ही लोग बीमार हुए। ।
मेडिकल टीमों द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार चकपारोंद में कुल 234 लोगों की आबादी है. यहां 44 हाउसहोल्ड हैं। एक-एक घर तथा प्रत्येक व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इसमें पाया गया कि गांव में 16 व्यक्ति उल्टी व दस्त से प्रभावित हैं जिनमें से 10 रोगियों का उपचार अस्पताल में भर्ती कर किया जा रहा है. शेष लोगों को घर पर ही दवा दी गई है और जिनकी स्थिति पहले से बेहतर है।
इधर श्योपुर के सीएमएचओ डा. बीएल यादव ने बताया कि विजयपुर के चकपारोंद गांव में उल्टी .दस्त के चलते कारण एक महिला, बुजुर्ग और एक बच्चे की मौत हुई है। पानी के सैंपल लिए गए हैं जिसकी जांच कराई जा रही है।