स्वच्छता के स्तर में हमारा शहर किस रैंक को पाएगा। इसका खुलासा जल्द ही हो जाएगा। लेकिन इसदौरान यह तय है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष स्वच्छता की स्थितियों में थोड़ा सुधार हुआ है। ऐसा श्योपुर में आई स्वच्छता टीम द्वारा लिए गए फीडबैक में लोगों ने यह बात बताई है। हालांकि अभी आधा दर्जन वार्ड से महज आधा सैकड़ा करीब लोगों का ही फीडबैक लिया जा सका है और अभी करीब 15 वार्ड से डेढ सैकड़ा का फीडबैक लिया जाना शेष है। जिसके बाद पूरे शहर की स्थितियां साफ हो सकेंगी।
स्वच्छता सर्वे टीम के जूनियर एसेसर नीरज पटेल ने रविवार से स्वच्छता सर्वे शुरू किया। इनके द्वारा दिल्ली से मिले टास्क के आधार पर रविवार को निजी अस्पतालों का सर्वेक्षण किया गया और बायपास रोड के तीनों अस्पतालों को ग्रेडिंग के लिहाज से ठीक बताया। इसके बाद इन्होंने सोमवार को शहर के हजारेश्वर पार्क, दीनदयाल पार्क, किला पार्क और अंबेडकर पार्क का जायजा लिया।
तीनों ही पार्क हरीयाली मिलने व गंदगी न मिलने से खरे उतरे। मगर टीम के रेंडमली शौचालयों की जांच में स्थितियां तब थोड़ी सी विषम बन गईं। जब शहर में बन रहे 1541 शौचालयों में से वार्ड ११ और आठ के शौचालयों के रेंडमली निरीक्षण के निर्देश पर टीम ने घर पहुंचकर जायजा लिया और जायजे के दौरान एक महिला का शौचालय अभी अधूरा पाया गया। हालांकि इस संबध में नपा के स्वच्छता सर्वे प्रभारी ने तर्क दिया कि 1541 शौचालयों का निर्माण शहर में स्वच्छता अभियान के मद्देनजर सतत जारी है और अभी कुछ निर्माण अधूरे हैं, जिसमें यह भी शामिल है और अभी ठेकेदार इसको पूर्ण करेगा। टीम सदस्य द्वारा इसके साथ ही वार्ड ११, बड़ौदा रोड, अमित पेट्रोल पंप आदि स्थान का भी जायजा लिया और जियो टेग के आधार पर फोटो लेकर उन्हें सेंड किया। साथ ही लोगों का फीडबैक भी प्राप्त किया। बताया गया है कि स्वच्छता सर्वे टीम के द्वारा अब तक छह वार्ड का भ्रमण किया जा चुका है, टीम सदस्य अभी मंगलवार को और सर्वे करेंगे और शहर की सफाई की स्थितियां समझेंगे।
एक टीम ने कंपलीट किया दस्तावेजी सर्वे
विशेष बात यह है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के फाइनल सर्वे को दिल्ली से आई कार्वी इंडिया की टीम द्वारा काफी गोपनीय तरीके से संपादित किया जा रहा है। टीम का एक सदस्य जहां शहर में भ्रमण कर मिल रहे टास्क पर सर्वे जियो टेग पर फीड कर रहा है।वहीं दूसरी टीम आकाश गोयल और राधेश्याम गुप्ता के द्वारा दस्तावेज परीक्षण किया गया। इस दस्तावेजी परीक्षण को बेहद गोपनीय ढंग से किया गया।
बड़ौदा का सर्वेक्षण कंपलीट
खासबात यह है कि टीम सदस्यों के द्वारा जहां अभी श्योपुर शहर का सर्वे किया जा रहा है। वहीं बड़ौदा का सर्वे कार्य टीम सदस्य पूर्व में ही कर चुके हैं। बताया गया है कि टीम के इन्हीं सदस्यों ने तीन दिन के भीतर बड़ौदा का सर्वे कार्य कंपीट किया। इसदौरान कस्बे का बस स्टेण्ड और उसकी पेंटिंग शहर स्वच्छता में अधिक अंक दिलाने वाला रहा।