कलेक्टर न्यायालय श्योपुर द्वारा एक जुलाई की में जारी स्थगन आदेश में बताया गया है कि आवेदक चीफ डिवीजनल रिटेल सेल्स मेनेजर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन भोपाल द्वारा 29.8.2019 को आवेदन प्रस्तुत कर श्योपुर की भूमि क्रमांक 1560/मिन 2 पर 400 वर्ग मीटर पर भूस्वामी अनिरुद्ध रावत निवासी ग्राम सुनवई, तहसील विजयपुर द्वारा पेट्रोल पंप स्थापित करने की अनुमति चाही गई। जिसमें तत्कालीन कलेक्टर द्वारा 24.2.2020 से भूमि सर्वे क्रमांक 1560 मिन 2 रकबा 0.233 में से 600 वर्ग मीटर भूमि पर रिटेल आउटलेट पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया।
आदेश में कहा गया है कि एनओसी जारी होने से पहले आवेदक को ये शपथ पत्र देना चाहिए था कि इस भूमि पर किसी प्रकार का विवाद या सिविल न्यायालय या अन्य प्रकरण विचाराधीन हैं, लेकिन ऐसा शपथ पत्र प्रकरण में संलग्न नहीं है। जबकि वास्तविक स्थिति ये है कि इस भूमि के संबंध में उच्चतम न्यायालय में कॉपरेटिव मार्केंटिंग फेडरेशन विभाग बनाम कमलादेवी व अन्य का प्रकरण विचाराधीन है। इसके अलावा एक प्रकरण एमपी स्टेट फेडरेशन बनाम कमला बाई व्यवहार न्यायाधीश खंड-2 श्योपुर में भी विचारधीन है। आदेश में कुछ और न्यायालीन प्रकरणोंं का भी उल्लेख किया गया है, साथ कहा है कि सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश श्योपुर के प्रतिवेदन 28.9.2019 द्वारा मुख्य मार्ग के मध्य से 20 मीटर छोडक़र पेट्रोल पंप की भूखंड रेखा मान्य होगी। इसका संज्ञान भी प्रकरण में उल्लेख होना चाहिए, जो कि नहीं लिया गया है। कलेक्टर ने अपने आदेश में लिखा है कि उपरोक्त स्थिति से स्पष्ट है कि आपके द्वारा भूमि विवादित होने के बावजूद पेट्रोल पंप लगाने की एनओसी का आवेदन प्रस्तुत किया और कलेक्टर न्यायालय को गुमराह कर 400 वर्ग मीटर की जगह 600 वर्गमीटर की एनओसी जारी करवा ली तथा मौके पर जो निर्माण कार्य किया जा रहा है, वो भी प्रावधानों के विपरीत है। ऐसे में क्यों न भूमि के संबंध में पारित आदेश दिनांक 24.2.2020 को निरस्त किया जाए। प्रकरण में सुनवाई के लिए 2.7.2020 नियत है, जिसमें अपना पक्ष प्रस्तुत करें, अन्यथा एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।