आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता की इस बात पर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने पलायन नहीं होता। हर बार फसल कटाई के लिए पेट पालन के लिए लोग जाते है उनको रोक नहीं सकते है। कलेक्टर ने कहा कि अगर काम ठीक सिस्टम से हो तो 60 दिनों में हम कुपोषण के कलंक को मिटाने के प्रयास को सार्थक बना सकते है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर ने समझाया कि बच्चों को नाश्ता, खाना और थर्ड व फोर्थ मील को थाली से पूरा खिलाया जाए। बच्चे के खाने की निगरानी करते रहें थाली में उसने खाना छोड़ा है तो क्यों, ऐसे में उसे उपचार के लिए भेजें। जिससे पता चले कि कैसे क्यंू नहीं खाया। कुपोषित बच्चे को मल्टी विटामिन, आयरन सिरप दें। दूसरा फिर स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
कलेक्टर ने बच्चों को स्वच्छ रखने की सलाह दी। शाला पूर्व शिक्षा पर विशेष जोर दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कलेक्टर पाल ने कहा हम महिलाएं है, जो करते हंै उसको मजबूती से कर दिखाते हैं। महिलाओं ंके लिए मिलने वाली चुनोतियां भले ही कुछ भी हो कैसी भी हों उसे पूरा करते हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह, एसडीएम विजय यादव, डीपीओ ओपी पांडेय, सीएमएचओ डॉ, एआर करोरिया,सीडीपीओ नितिन मित्तल, जनपद सीईओ एसएस भटनागर उपस्थित थे।