श्योपुर

मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय प्रबंधन में समन्वय की कमी आई सामने

शुक्रवार की सुबह दतिया पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त के सामने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का मुद्दा सामने आ गया। कलेक्टर , अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सिविल सर्जन ने शिकायत की कि मेडिकल कॉलेज के डीन ने कैजुअल्टी ड्यूटी में काम कर रहे 9 में से 4 डॉक्टर हटा लिए एस्से जिला चिकित्सालय में परेशानी आ रही है । इन बातों से दोनों संस्थानों का आपसी समायोजन नहीं दिखा ।

श्योपुरJul 04, 2020 / 12:10 am

rishi jaiswal

मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय प्रबंधन में समन्वय की कमी आई सामने

दतिया । शुक्रवार की सुबह दतिया पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त के सामने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का मुद्दा सामने आ गया। कलेक्टर , अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सिविल सर्जन ने शिकायत की कि मेडिकल कॉलेज के डीन ने कैजुअल्टी ड्यूटी में काम कर रहे 9 में से 4 डॉक्टर हटा लिए एस्से जिला चिकित्सालय में परेशानी आ रही है । इन बातों से दोनों संस्थानों का आपसी समायोजन नहीं दिखा । हालांकि दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को सुलझा ने का आश्वासन दिया ।

स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. संजय गोयल और चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत बरबड़े शुक्रवार की सुबह दतिया पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने सर्किट हाउस पर अधिकारियों की मीटिंग ली। बैठक के दौरान कलेक्टर रोहित सिंह, एडीएम विवेक रघुवंशी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसएन उदयपुरिया, सिविल सर्जन डॉ डीके गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का मुद्दा उठाया । उन्होंने बताया कि एक माह पहले डीन ने आदेश जारी कर जिला चिकित्सालय के लिए 9 डॉक्टर दिए थे ताकि वे बतौर कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर काम कर सकें, लेकिन 2 दिन पहले ही डीन ने आदेश वापस लेते हुए चार डॉक्टरों को वापस बुला लिया। इससे जिला चिकित्सालय कैजुअल्टी में दिक्कत आ रही है। कलेक्टर भी इस बात से खफा थे कि उनके बिना संज्ञान में लाए आदेश निरस्त कर दिया। इस मुद्दे पर अधिकारी द्वय ने मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया । बताया जा रहा है कि शुक्रवार की शाम को इस पर आला अधिकारियों की चर्चा भी हुई और मेडिकल कॉलेज के बाकी डॉक्टरों को भी जिला चिकित्सालय भेजने पर सहमति बनी है । इस बात पर बरवड़े ने यह भी कहा कि जब कॉलेज में सौ से ज्यादा डॉक्टर हैं तो उनका इस्तेमाल कोरोना काल में किया जाना चाहिए।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.