तालाब में खड़ी फसल, तहसीलदार ने प्रतिवेदन में लिखा नहीं हो रही तालाब में खेती
बिना जमीनी हकीकत जाने तालाब में खेती न होने की जानकारी एक प्रतिवेदन के माध्यम से विजयपुर तहसीलदार कार्यालय से भू-अभिलेख अधीक्षक को भेज दी गई। जबकि उस तालाब में फसल खड़ी है।

श्योपुर/विजयपुर. बिना जमीनी हकीकत जाने तालाब में खेती न होने की जानकारी एक प्रतिवेदन के माध्यम से विजयपुर तहसीलदार कार्यालय से भू-अभिलेख अधीक्षक को भेज दी गई। जबकि उस तालाब में फसल खड़ी है। आरटीआई से मिली जानकारी के बाद यह मामला खुला। भू-अभिलेख अधीक्षक द्वारा विजयपुर क्षेत्र के जवाहरगढ़ तालाब की जानकारी मांगने पर तहसीलदार ने प्रतिवेदन में जवाहरगढ तालाब में किसी भी कृषक द्वारा खेती नहीं किए जाने की बात कही है।
जबकि 23.625 हेक्टेयर जमीन में फसल खड़ी है। इस तालाब से संबंधित व्यक्ति द्वारा जानकारी तहसील से नहीं मिलने पर जिले से जानकारी चाही तो पता चला कि तहसीलदार विजयपुर ने इस तालाब का तहसील कार्यालय में कोई रिकॉर्ड न होने के साथ जमीन पर कोई किसान द्वारा खेती न करने की बात भू-अभिलेख अधीक्षक को भेजे प्रतिवेदन में कही। जबकि हकीकत इससे से परे है।
तालाब में बिना अनुमति के किए जा चुके सैकडों बोर खनन
नियमानुसार जिस किसान की जमीन डूब क्षेत्र में चली जाती है तो जब तालाब खाली हो जाता है तो उसमें एक फसल यानि रवि फसल किसान कर सकता है लेकिन किसान उस जमीन पर बोर खनन नहीं करा सकता है जबकि इस तालाब में एक सैंकडा से ज्यादा बोर हैं। इसलिए तालाब बार-बार सूख रहा है। इसके बाद भी किसी अधिकारी द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ऐसे दी जाती है किसानों को तालाब की जमीन लीज पर
नियमानुसार कोई भी तालाब खेती की जगह पर बनकर तैयार हो जाता है तो एक रवि फसल के लिए उस जमीन पर खेती की प्राथमिकता उसी किसान की रहती है। लीज भी उसी किसान को दी जाती है। वहीं आदिवासी को भी प्राथमिकता रहती है। इसके बाद भी किसी ने लीज पर नहीं ली तो पडोसी गांव को प्राथमिकता रहती है जिसकी प्रति हेक्टेयर के हिसाब से राजस्व कुछ रकम के साथ सालाना जमा कर रसीद प्राप्त कर खेती कर सकते हैं।
मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। कौन से तालाब की जानकारी गलत भेजी गई है मुझे ध्यान नहीं है। इस तरह का कोई कागज हो तो मुझे बताएं।
धर्मेंद्र सिंह चौहान, प्रभारी तहसीलदार विजयपुर
तालाब में रवि फसल खड़ी है। यह तालाब हमारे क्षेत्र की सिंचाई के लिए बना था, लेकिन इसमें बिना सूचना और जबरदस्ती किसानों ने इतने अवैध बोर कर डाले कि तालाब हर साल समय से पहले सूख जाता है। इन बोर के खिलाफ तहसील कार्यालय को कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
पीसी शर्मा, उपयंत्री जवाहरगढ़ तालाब सिंचाई परियोजना सबलगढ़
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