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ग्राम पंचायतों में करोड़ों का गड़बड़झाला, दोषियों पर कार्रवाई करने में अफसरों का छूट रहा पसीना

locationश्योपुरPublished: Aug 09, 2020 11:09:49 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

– किसी पंचायत में निर्माण कार्य पूरे नहीं हुए और आहरण कर ली राशि, किसी में तालाब बनाए बगैर हड़प ली राशि

ग्राम पंचायतों में करोड़ों का गड़बड़झाला, दोषियों पर कार्रवाई करने में अफसरों का छूट रहा पसीना

ग्राम पंचायतों में करोड़ों का गड़बड़झाला, दोषियों पर कार्रवाई करने में अफसरों का छूट रहा पसीना

श्योपुर
ग्रामीणों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शासन द्वारा पंचायतों को उपलब्ध कराई जाने वाली राशि में पंचायतें लाखों का गड़बड़झाला कर रही हैं। वहीं कई पंचायतों में लाखों रुपए का गबन सरपंच-सचिवों ने कर डाला है। इधर पंचायतों से राशि वसूल और दोषियों पर कार्रवाई करने में अफसरों का पसीना छूट रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, जिला सदस्य की शिकायतों के बाद भी अफसर कार्रवाई तो छोडि़ए जांच तक में लापरवाही बरत रहे हैं। जिले में सबसे ज्यादा गड़बड़झाले मनरेगा के कामों में हुए हैं। बावजूद इसके अफसर चुप्पी साधकर बैठे हैं। एक दिन पहले ही जिला पंचायत अध्यक्ष कविता मीणा ने न केवल अफसरों पर गड़बड़ी के मामलों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं बल्कि मनरेगा के कार्यों पर सवाल भी उठाए।
ग्राम पंचायतों को विभिन्न योजनाओं के तहत अलग-अलग कार्यों के लिए शासन द्वारा बड़ी राशि उपलब्ध कराई जाती है। राशि के उपयोग और कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए वैसे तो जनपद से लेकर जिला पंचायत तक अफसर भी नियुक्त हैं, लेकिन कई बार मिलीभगत से तो कई बार अधिकारियों पर कार्यों का अधिक दबाव होने के कारण सरपंच-सचिव राशि में से बड़ा हिस्सा दबा लेते हैं। कई काम होते ही नहीं, पर कागजों में दर्शा दिए जाते हैं तो कई काम महज दिखाने के लिए थोड़ा-बहुत करने की रस्म अदायगी करके पूरी राशि खर्च होना दिखा दिया जाता है। शिकायतों की जांच-पड़ताल के दौरान ऐसे मामले सामने आते हैं। इसके बाद भी दोषियों को छोड़ दिया जाता है। पंचायतों ने मनरेगा के तहत तालाब व अन्य काम होना बता दिए गए, लेकिन मौके पर हकीकत कुछ और ही है। इसके अलावा विभिन्ना योजनाओं के तहत मिली राशि में हेराफेरी किए जाने या कार्य किए बिना ही होना बता दिए जाने के भी कई प्रकरण हैं।
केस..1
विजयपुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सारंगपुर में राजकुमारी पत्नी महेश शर्मा की किडनी की बीमारी के चलते अप्रैल 18 में मौत हो गई। लेकिन पंचायत ने मृत महिला से नरेगा में मजदूरी करवा ली। मजदूरी का पैसा आहरण कर लिया। राजकुमारी को 22 फरवरी 2019 में एक बार फिर मार दिया गया। लेकिन इस बार संबल योजना के पैसे हड़पने के लिए ऐसा किया गया। संबल हितग्राही की मृत्यु पर दो लाख पांच हजार रुपए शासन से अनुदान के तौर पर मिलते हैं। लेकिन यह पैसा हड़पने के लिए पत्नी के साथ पति को भी 28-9-2019 में मृत घोषित कर दिया।
केस-2
ग्राम पंचायत सिलपुरी में एक दर्जन मामलों में आधे अधूरे निर्माण कार्य को लेकर जनपद अध्यक्ष रामदासी आदिवासी ,जिला सदस्य शिकायत कर जांच करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक जांच शुरू नहीं हो सकी है। जबकि शिकायती आवेदन कलेक्टर को दिया था । कलेक्टर ने जांच के लिए आज तक कोई टीम नहीं भेजी । पंचायत में एक दर्जन से अधिक निर्माण कार्यो में गड़बड़ी के मामलों की शिकायत हैं। ग्राम पंचायत सिलपुरी के बलिहारा में पुलिया को अधूरा छोड़ कर राशि तक का आहरण कर लिया गया है। इतना ही नहीं मूल्यांकन अधिकारी तक ने सभी कामों को क्लीन चिट दे दी।
केस-3
विजयपुर जनपद पंचायत की दो दर्जन से अधिक पंचायतों में मृत व्यक्तियों के नाम पर राशि का आहरण किया जा चुका है। इनकी शिकायत भी हुई, लेकिन कार्रवाई न होने से मामले ठंडे पड़ गए। जनपद पंचायत विजयपुर के सिमरई गांव में वर्ष 2010 में 10 लाख का गबन किया गया। यह सीसी रोड के नाम किया गया। इधर मृत व्यक्ति के नाम पर मजदूरी का भुगतान पंचायतों में सरपंच व सचिव कर लेते हैं। अधिकांश पंचायतों में मिलेंगे मृत व्यक्तियों के नाम राशि आहरण हुए हैं फिर चाहे वह श्यामपुर पंचायत , आरोदा पंचायत , गोपालपुर , बैनीपुरा , गोहटा , गसवानी , सहसराम , चिमलवानी , बडौदाकला , ऊपचा पंचायत हो। करीब दो दर्जन पंचायतों में इस तरह पैसों का आहरण किया गया है।
इनका कहना है
घटिया निर्माण और गड़बड़ी की शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इसलिए न केवल सरपंच व सचिव बल्कि अफसर इन कामों में लिप्त हैं।
कविता मीणा
जिला पंचाायत अध्यक्ष, श्योपुर
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