बारधा बांध परियोजना के अंतर्गत बांध से पांच जगह के लिए माइनर नहरों को निकाला गया है जो विजयपुर क्षेत्र के अलग अलग गांवों के लिए गुजरी हैं। इनमें से अधिकांश कच्ची बनी हुई हैं जिसके चलते नहरों में सीजन के समय पानी छोडऩे के दौरान टूटना आम बात थी। अब माइनर नहरों को शुरू से आखिरी छोर तक सीसी से पक्का करने का काम किया जाएगा। जिससे कभी भी माइनर नहरों के टूटने या पानी लीकेज की समस्या नहीं रहेगी। इसी तरह माइनर नहरों में जगह जगह बने एक्वाडक्ट यानी कुंओं को हटाकर उनकी जगह हवा नहर के द्वारा पानी की निकासी होगी।
आम रास्तों पर बनेगी हवाई माइनर नहर
आम रास्ते पर नए सिरे से हवा नहर नाली बनाई जाएगी। अभी तक जो रास्ता पर कुंआ थे वह अंडरग्राउंड होने के चलते चौक हो गए। जिससे पानी निकासी नहीं हो पाती है और सीजन में किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता था इसलिए चार जगह के कुंओं को हटाकर उनकी जगह आम रास्ते पर हवा नहर रुपी बड़ी नाली बनाई जाएगी।
इन गांवों के किसानों को मिलेगा फायदा
बारधा बांध परियोजना की माइनर नहरों से जिन किसानों को सिंचाई द्वारा लाभ मिलेगा उनमें मैदावली , छापर , मकनाकापुरा , विजयपुर , डावीपुरा , चंदेली , गोपालपुर , सिरथैयापुरा , हीरापुरा आदि एक सैंकड़ा से ज्यादा गांवों के एक हजार से ज्यादा किसानों को लाभ मिलेगा।
माइनर नहर फूटने से सबसे ज्यादा नुकसान गोपालपुर को हुआ
बारधा बांध परियोजना की माइनर नहर से जब भी सीजन में फसल की सिंचाई के लिए पानी माइनर नहर में छोड़ा जाता तब गोपालपुर पर माइनर नहर फूटी जिससे किसानों को न पलेवा के लिए पानी मिला और जिसके खेत में माइनर नहर टूटती उसका नुकसान होता। गोपालपुर गांव पर अब तक पांच बार माइनर नहर फूट चुकी है।
वर्जन
माइनर नहरों को पक्की करने का काम जल्द शुरू होगा। इससे माइनर नहर के बार बार टूटने फूटने की झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। अगले सीजन पर सिंचाई परियोजना के अधीन हर किसान को पानी खेत के लिए मिल सकेगा।
जितेन्द्र राठौर
सब इंजीनियर, बारधा बांध सिंचाई परियोजना छापर