बताया गया है कि श्योपुर जिले के कुल भू-भाग के 54 फीसदी हिस्सा वन भूमि (सामान्य वन मंडल और कूनो वनमंडल को मिलाकर) का है। लेकिन इस वनभूमि में पेड़-पौधों की संख्या लगातार कम हो रही है। वन विभाग के हर 10 साल में बनाए जाने वाले वर्किंग प्लान के मुताबिक बताया गया है कि लगभग 20 साल पूर्व जिले में कुल वन भूमि के लगभग 90 फीसदी हिस्सा सघन और विरल वन क्षेत्र से परिपूर्ण था, लेकिन लगातार घटते वनों के घनत्व का असर यह है कि वर्तमान में कुल वन भूमि का लगभग 80 फीसदी भाग में ही सघन व विरल वनक्षेत्र रह गया है।
जिले में घटते वनक्षेत्र का असर पर्यावरण पर असर साफ दिख रहा है। इसी का परिणाम है कि जिले में 20 साल पूर्व ग्रीष्मकाल में अधिकतम तापमान 43 से 45 डिग्री रहता था, जो अब 45 से 48 डिग्री तक पहुंच जाता है। इस वर्ष भी अधिकतम तापमान 47 डिग्री के आसपास चल रहा है। वहीं जिले में बारिश की स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभावव दिखाई देता है।
बीते डेढ़ दशक में जिले में महज 6 बार ही मानसून की बारिश से जिले की औसत बारिश के आंकड़े को पार किया है। जिले में भौगोलिक स्थिति के लिहाजा से भी कराहल क्षेत्र में ज्यादा जंगल है तो इधर बारिश ज्यादा होती है, जबकि श्योपुर और विजयपुर क्षेत्र में कम बारिश की स्थिति रहती है।