जिलाध्यक्ष चौहान ने पत्रिका के सरकार द्वारा विधायकों को ज्यादा तवज्जो देने और संगठन पदाधिकारियों को दरकिनार करने संबंधी सवाल पर कहा कि निश्चित रूप से स्थितियां ऐसी नहीं बन रही है और मुझे लगता है कि सरकार बचाने और अंकों के साधने के लिए विधायकों पर ही सरकार केंद्रित हेा गई है, जबकि संगठन दरकिनार है। यही वजह है कि न तो संगठन की कोई बैठक हो रही है और न ही कोई चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव बाद माहौल और राजनीति बदल गई है और गंभीर राजनीति करने वाले लोग दरकिनार हो रहे हैं। इससे पार्टी का कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता हतोत्साहित है, हमें स्वयं नहीं लग रहा कि अभी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है।
उन्होंने श्योपुर विधायक बाबू जंडेल के अस्पताल के ताला लगाने संबंधी बयान पर भी कहा कि जिला कांग्रेस किसी भी गैरकानूनी कार्य का समर्थन नहीं करता है। बल्कि हम तेा चाहते हैं कि संयुक्त रूप से एक प्रतिनिधि मंडल सीएम व स्वास्थ्य मंत्री से मिले और अस्पताल की स्थितियों से अवगत कराया जाए। चौहान ने कहा कि निश्चित रूप से कहीं न कहीं माहौल प्रतिकूल है, इसलिए डॉक्टर अस्पताल से पलायन कर रहे हैं और निजी प्रेक्टिस में लगे हैं। चौहान ने किसानों की कर्जमाफी के सवाल पर माना कि निश्चित रूप से हम किसानों से किया वादा पूरा नहीं कर पाए, लेकिन जल्द ही शेष किसानों की कर्जमाफी भी होगी। उन्होंने कूनो में शेर के सवाल पर कहा कि भाजपा सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया, जबकि प्रदेश कांग्रेस सरकार इस दिशा में अब प्रयास कर रही है।