बताया गया है कि श्योपुर जिले में लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से विभिन्न गांवों में 203 पेयजल योजनाएं (नलजल योजना, स्थल जल योजना और मुख्यमंत्री पेयजल योजनाएं) स्थापित की गई हैं। जिनमें से वर्तमान में 177 चालू हैं, जबकि 26 योजनाएं बंद पड़ी हैं। इनमें कहीं मोटर पंप खराब होने से बंद है, तेा कहीं स्रोत सूखने, मोटरपंप नलकूप में फंसने से और पंचायतों द्वारा नहीं चलाने के कारण बंद पड़ी है। लेकिन उन्हें पुन: चालू कराने के लिए अफसर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।
इन गांवों में बंद है पेयजल योजनाएं
जिन गांवों में पेयजल योजनाएं बंद पड़ी है, उनमें ग्राम भीखापुर, रतोदन, बिलवाड़ा, रजपुरा, मसावनी, चकरामपुरा, घूघस, मोरेका, धामनी, हुल्लपुर, सुमरेरा, लादर, दाउदपुर, पिपरवास, बेचाई, खेरोदाकला, जमूरदी, टर्राखुर्द, हारकुई, दूलावाला, रिझेटा, किन्नपुरा, मिलावली और ग्राम पैरा शामिल है।
जिन गांवों में पेयजल योजनाएं बंद पड़ी है, उनमें ग्राम भीखापुर, रतोदन, बिलवाड़ा, रजपुरा, मसावनी, चकरामपुरा, घूघस, मोरेका, धामनी, हुल्लपुर, सुमरेरा, लादर, दाउदपुर, पिपरवास, बेचाई, खेरोदाकला, जमूरदी, टर्राखुर्द, हारकुई, दूलावाला, रिझेटा, किन्नपुरा, मिलावली और ग्राम पैरा शामिल है।
विजयपुर में सबसे ज्यादा बंद
जिले में जो 26 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी है, उनमें सबसे ज्यादा विजयपुर विकासखंड में बंद है। श्योपुर और कराहल ब्लॉक में तो 4-4 गांवों में पेयजल योजनाएं बंद हैं, लेकिन विजयपुर ब्लॉक में 18 योजनाएं बंद पड़ी हैं, बावजूद इसके कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
जिले में जो 26 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी है, उनमें सबसे ज्यादा विजयपुर विकासखंड में बंद है। श्योपुर और कराहल ब्लॉक में तो 4-4 गांवों में पेयजल योजनाएं बंद हैं, लेकिन विजयपुर ब्लॉक में 18 योजनाएं बंद पड़ी हैं, बावजूद इसके कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
पेयजल योजनाओं के बंद के कारण
02-योजनाएं विद्युत अवरोध के कारण
01-योजना स्रोत सूखने से
11-योजनाएं मोटर पंप खराब होने से
01-योजना पंप में लाइन फंसने से
03-पंचायत द्वारा नहीं चलाने से