श्योपुर में जिला न्यायाधीश के निर्देशन में शहर के पाली रोड पर मोबाइल कोर्ट (चलित न्यायालय) की कार्यवाही हुई। जिसमें मजिस्टे्रटों ने पुलिस की टीम के साथ कार्यवाही करते हुए स्कूल वाहन सहित अन्य वाहनों की चेकिंग की। सलापुरा के आगे और जाटखेड़ा के निकट लगी मोबाइल कोर्ट को देखकर वाहनों में हड़कंप मच गया। यही वजह है कि पाली रोड पर संचालित बड़े स्कूलों के वाहन भी पकड़े जाने के डर से या तो इधर-उधर गलियों में घुस गए, या फिर बच्चों को वापिस घरों पर छोड़ गए। यही नहीं क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठे होने के कारण कई ऑटो चालक तेा चेकिंग पाइंट के निकट ही बच्चों को ऑटो में ही छोड़कर भाग गए। हालांकि बाद में आ गए, लेकिन इस दौरान सबसे ज्यादा हड़बड़ी स्कूल के ऑटो और स्कूल वाहनों में ही दिखी। कुछ बड़े स्कूलों की बस जाटखेड़ा रोड पर जाकर छिपा दी गई तो कुछ ऑटो पेड़ों की आड़ में कर दिए। जिसके बाद बच्चे पैदल ही स्कूलों की ओर जाते दिखे। ऑटो और स्कूल बस नहीं आते देख कई अभिभावक स्वयं बच्चों को स्कूल छोडऩे पहुंचे।
कार्यवाही के दौरान वाहन चालकों के पास लाइसेंस नहीं होने, बिना रजिस्टे्रशन वाहन होने, ड्रायवर ड्रेस में न होने, दस्तावेज नहीं होने सहित अन्य अनियमितताओं पर एक दर्जन के आसपास वाहनों पर लगभग 12 हजार रुपए का जुर्माना ठोका गया। मोबाइल कोर्ट श्योपुर में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट रविंद्र गुप्ता, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सुरेंद्र सिंह कुशवाह, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुराग खरे, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट और व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 मुदित लटौरिया शामिल रहे।