लॉक डाउन के चलते पशुपालक भूसे का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं जिससे पशु तो कमजोर पड़ ही रहे हैं साथ पशुपालक के सामने आर्थिक संकट गहरा गया है। गोरस, पिपरानी से दो दर्जन परिवार गायों को लेकर परिवार सहित पलायन कर गए हैं तो कुछ परिवार पलायन कर सकते हैं। कराहल क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक ऐसे गांव है जहां खेती किसानी नहीं होने से ग्रामीण पशुपालन कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। लॉक डाउन के चलते बाजार बंद रहने से पशुपालकों पर असर पड़ा है। श्योपुर, कराहल, कोटा सबलगढ़, झांसी, शिवपुरी, ग्वालियर तक दूध डेयरियों पर माल नहीं पहुंच पा रहा है।
राजस्थान उत्तरप्रदेश जा रहा है था भूसा
लॉक डाउन से पहले हर दिन 20 से 25 ट्रॉली और ट्रकों से राजस्थान और उत्तरप्रदेश भूसा जा रहा था। क्षेत्र से भूसा की अन्य राज्यों के निर्यात पर कलेक्टर के आदेश ने एक आदेश निकाल कर रोक लगा दी थी इसके बाद भी भूसा की चोरी हो रही थी। हर दिन उत्तरप्रदेश राजस्थान के भूसा खरीदने वाले व्यापारी कराहल क्षेत्र से भूसा खरीद कर लेकर जा रहे हैं। पुलिस भूसा की ट्रॉलियों को नहीं रोक रहे है।
वर्जन
श्योपुर से पशु आहार लाने और भूसा के लिए कोई रोक नहीं है यदि कोई परेशानी है तो एसडीएम कार्यालय कराहल आएं। दूध बेचने और पशु के लिए आहार भूसा चारा खरीदने के लिए अनुमति ले कर जाएं।
विजय यादव
एसडीएम, कराहल
राजस्थान उत्तरप्रदेश जा रहा है था भूसा
लॉक डाउन से पहले हर दिन 20 से 25 ट्रॉली और ट्रकों से राजस्थान और उत्तरप्रदेश भूसा जा रहा था। क्षेत्र से भूसा की अन्य राज्यों के निर्यात पर कलेक्टर के आदेश ने एक आदेश निकाल कर रोक लगा दी थी इसके बाद भी भूसा की चोरी हो रही थी। हर दिन उत्तरप्रदेश राजस्थान के भूसा खरीदने वाले व्यापारी कराहल क्षेत्र से भूसा खरीद कर लेकर जा रहे हैं। पुलिस भूसा की ट्रॉलियों को नहीं रोक रहे है।
वर्जन
श्योपुर से पशु आहार लाने और भूसा के लिए कोई रोक नहीं है यदि कोई परेशानी है तो एसडीएम कार्यालय कराहल आएं। दूध बेचने और पशु के लिए आहार भूसा चारा खरीदने के लिए अनुमति ले कर जाएं।
विजय यादव
एसडीएम, कराहल