बताया गया है कि इस जनगणना के लिए आंकड़े जुटाने, उनके प्रमाणीकरण, रिपोर्ट तैयार करने और इनके प्रसार के लिए विकसित मोबाइल एप्लीकेशन पर आंकड़े एकत्र करने के लिए सीएससी द्वारा इस कार्य में लगाए जाने वाले गणनाकारों और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें हरेक परिवार के घर-घर जाकर और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से आंकड़े एकत्र किए जाएंगे। एकत्रित किए गए आंकड़ों को गोपनीय रखा जाएगा. आंकड़ो का इस्तेमाल केवल अन्य राज्यों की सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा केवल विकास संबंधी योजनाओं के लिए किया जाएगा। गणना करने वाले के द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों की संबद्ध परिवार और प्रतिष्ठान का दौरा करने वाले पर्यवेक्षकों द्वारा सत्यापन किया जाएगा। आर्थिक जनगणना दिसंबर 2019 तक पूरी होने की उम्मीद है जबकि साल 2020 में इसके आंकड़े जारी किए जाने की सम्भावना है।
आंकड़ों के आधार पर बनेगी योजनाएं
बताया गया है कि आर्थिक जनगणना की शुरुआत वर्ष 1977 में हुई। इसके बाद वर्ष 1980, 1990, 1998, 2005 और 2013 में आर्थिक जनगणनाएं हुई, जबकि 7वीं गणना इस बार वर्ष 2019 में हो रही है। इस आर्थिक गणना से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर ही सरकारें विकास की योजनाएं बनाती है। इसके डाटा से संबंधित क्षेत्र और परिवारों की व्यवसायिक गतिविधियां, आजीविका के साधन आदि देखे जाते हैं। इस बार गणना ऑनलाइन होने से आंकड़े सटीक और जल्द आने की उम्मीद है।
तैयारियां चल रही है
7वीं आर्थिक जनगणना के लिए जिले में भी तैयारी चल रही है। अभी संबंधित सीएससी के गणकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है, लेकिन अभी एक ट्रेनिंग और होनी है। जिसके लिए केंद्र सरकार से ट्रेनर आएंगे, जिसकी टे्रनिंग के बाद जिले में ये गणना शुरू हो जाएगी।
केशव गोयल
जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी श्योपुर