scriptप्रतिबंध के बाद भी नरवाई में आग लगा रहे किसान | Even after the ban, farmers are setting fire in Narwai | Patrika News

प्रतिबंध के बाद भी नरवाई में आग लगा रहे किसान

locationश्योपुरPublished: Nov 16, 2019 12:13:14 pm

Submitted by:

Anoop Bhargava

– जिले में कलेक्टर का आदेश बेअसर

प्रतिबंध के बाद भी नरवाई में आग लगा रहे किसान

प्रतिबंध के बाद भी नरवाई में आग लगा रहे किसान

श्योपुर/सोंईकला
प्रशासन ने क्षेत्र में नरवाई को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद भी किसान नरवाई में आग लगा रहे हैं। इससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। वहीं नरवाई में आग लगाने से खेतों के पोषक तत्व भी आग से जलकर नष्ट हो जाते हैं। आग से करोड़ सूक्ष्म जीव जो फसल के लिए लाभदायक होते हैं। वह सब जल जाते हैं। इससे क्षेत्र में फसल का उत्पादन भी कम हो रहा है।
इसके बाद भी क्षेत्र के किसान इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्षेत्र में रोजाना बड़ी संख्या में किसान अपने खेतों खड़ी नरवाई में आग लगा रहे हैं। इससे गंभीर हादसा होने का भी डर लगा रहता है। पूर्व में भी कई बार क्षेत्र में नरवाई में आग लगाने से कई घटनाएं घटित हो गई है। प्रशासन ने भी क्षेत्र में नरवाई में आग लगाने पर रोक लगाई है। नरवाई को जलाने से पर्यावरण को भी भारी नुकसान होता है। सोंईकला व मानपुर इलाके में कई जगह नरवाई जलते हुए देखी जा सकती है। कलेक्टर ने नरवाई की आग रोकने के लिए पटवारियों को निर्देश दिए थे। बावजूद इसके नरवाई को खेत में जलते हुए देखा जा सकता है।
जलाने के बजाय अवशेष व डंठल से बना सकते हैं खाद
अवशेषों और डंठलों को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट बनाने में उपयोग किया जाए तो वे बहुत जल्दी सडकऱ पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद बन सकते हैं। खेत में कल्टीवेटर, रोटावेटर या ***** हैरो की सहायता से फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश खाद की बचत की जा सकती है। पशुओं के लिए भूसा और खेत के लिए बहुमूल्य पोषक तत्वों की उपलब्धता बढऩे के साथ मिट्टी की संरचना को बचाया जा सकता है।
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