बुधवार को अन्य दिनों की भांति सुबह 11 बजे के आसान धान की नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई और व्यापारियों द्वारा किसानों की उपज की बोली लगाई गई। लेकिन लगभग आधा घंटे बाद ही विवाद हो गया। एक किसान की धान की उपज का कम भाव लगाने से किसान भडक़ गए, जिसके चलते व्यापारियों से मुंहवाद हो गया। मुंहवाद इतना बढ़ गया कि व्यापारी नीलामी छोडक़र चले गए। इससे किसान ज्यादा आक्रोशित हो गए और इक_े होकर मंडी कार्यालय के बाहर हंगामा शुरू कर दिया।
किसानों और व्यापारियों के साथ हुई बैठक
किसानों के हंगामे के बाद मंडी प्रशासन ने फिर व्यापारियों और किसानों के साथ बैठक की और समझाइश दी। इस दौरान किसानों का कहना था कि व्यापारी कम भाव लगा रहे हैं, जबकि अच्छी उपज होने के चलते भाव ज्यादा होने चाहिए। वहीं व्यापारियों का तर्क है कि भाव उपज की क्वालिटी के आधार पर लगाए जाते हैं, साथ ही अभी धान के भाव ऊपर से ही कम हो रहे हैं। काफी समझाइश के बाद लगभग दो घंटे बाद फिर से नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई।
किसानों के हंगामे के बाद मंडी प्रशासन ने फिर व्यापारियों और किसानों के साथ बैठक की और समझाइश दी। इस दौरान किसानों का कहना था कि व्यापारी कम भाव लगा रहे हैं, जबकि अच्छी उपज होने के चलते भाव ज्यादा होने चाहिए। वहीं व्यापारियों का तर्क है कि भाव उपज की क्वालिटी के आधार पर लगाए जाते हैं, साथ ही अभी धान के भाव ऊपर से ही कम हो रहे हैं। काफी समझाइश के बाद लगभग दो घंटे बाद फिर से नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई।