श्योपुर में पेयजल संकट की भयावह तस्वीर
श्योपुरPublished: Apr 13, 2019 08:39:20 pm
श्योपुर में पेयजल संकट की भयावह तस्वीर20 फीट गहरी बावड़ी में पानी की जद्दोजहद, मवेशियों के बीच पानी भरती हैं महिलाएं
श्योपुर में पेयजल संकट की भयावह तस्वीर
20 फीट गहरी बावड़ी में पानी की जद्दोजहद, मवेशियों के बीच पानी भरती हैं महिलाएं
श्योपुर,
आधुनिकता की दौड़ में भले ही मंगल और चांद पर पानी ढूंढने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन देश के कई गांव के वाशिंदे आज भी शुद्ध पेयजल के लिए मशक्कत करते नजर आते हैं। कुछ ऐसी ही तस्वीर है ये आदिवासी विकासखंड कराहल के भेला-भीमलत गांव की, जहां बीते 12 दिनों से बोरवेल की मोटरें फुंकी पड़ी है, जिसके चलते ग्रामीणों को जंगल की एक बावड़ी से जान जोखिम में डालकर पानी की जद्दोजहद करनी पड़ रही है। विशेष बात यह है कि इसी बावड़ी में मवेशी व जानवर पानी पीते नजर आते हैं, इन्हीं के बीच महिलाएं पीने के लिए पानी भरती नजर आती हैं। इस संबंध में जनपद कराहल के सीइओ आरजी अहिरवार इस मामले से अनभिज्ञ नजर आते हैं और कहते हैं कि पानी की समस्या के लिए सचिव को निर्देश देकर नई मोटर डलवाते हैं।
ये है खास-खास
-कराहल की ग्राम पंचायत है भेला-भीमलत। इसमें गांधीगाव भी शामिल।
-1800 के आसपास है भेला, भीमलत और गांधीगांव की कुल आबादी।
-गांव में पेयजल की दो बोरों की मोटर 12 दिन से खराब है।
-जंगल की 20 फीट गहरी बावड़ी से पानी ला रहे हैं ग्रामीण।
-भेला से 4, भीमलत से 2 और गांधीगांव से 5 किमी दूर है बावड़ी।
-कई ग्रामीण शुद्ध पानी के लिए 15 किमी दूर ढेंगदा भी जा रहे।