उल्लेखनीय है कि 25 मई 1998 को श्योपुर को जिला बनाए जाने के बाद श्योपुर, कराहल और विजयपुर तीन तहसीलें निर्धारित की गई। हालांकि तत्समय शासन के नियमानुसार (तहसील मुख्यालयों पर वर्षामापी केंद्र) तीनों तहसीलों पर वर्षामापी यंत्र लगाए गए और इन्हीं तीनों तहसीलों की कुल वर्षा के आधार पर जिले की औसत बारिश का आंकड़ा 822 मिमी तय किया गया। लेकिन वर्ष 2011 में वीरपुर और बड़ौदा को भी नई तहसीलें बनाया गया, लेकिन यहां वर्षामापी नहीं लगाए गए, लिहाजा जिले की औसत बारिश पुरानी तीन तहसीलों से ही निकाली जा रही है।
भू अभिलेख विभाग द्वारा जिले की बड़ौदा और वीरपुर तहसीलों में वर्षामापी यंत्र लगाए जाने से इन दोनों तहसीलों की बारिश का अलग रिकॉर्ड रहेगा। इससे दोनों तहसीलों में बारिश की वास्तविक स्थिति सामने रहेगी तो इन क्षेत्र में सूखे, अल्पवर्ष या अतिवर्षा के आंकड़ों के आधार पर जो भी योजनाएं, मुआवजा आदि तय होंगे। अभी दोनों जगह वर्षामापी नहीं होने से यहां वर्षा का कोई रिकार्ड नहीं है, लिहाजा बड़ौदा तहसील की स्थिति जहां श्योपुर तहसील की बारिश पर निर्भर होती है, वहीं वीरपुर की स्थिति विजयपुर की बारिश पर निर्भर रहती है।
अनिल शर्मा
अधीक्षक, भू अभिलेख श्योपुर