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पांच साल की गारंटी, कुछ महीनों में ही टूटा दम

locationश्योपुरPublished: Aug 17, 2020 10:55:31 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

ग्रामीणों की तकलीफ-सड़कें उधड़ गईं हैं, अफसरों के लिए बारिश बाद संधारण कराने का बहाना- कराहल विकासखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का हाल

पांच साल की गारंटी, कुछ महीनों में ही टूटा दम

पांच साल की गारंटी, कुछ महीनों में ही टूटा दम

कराहल
कराहल से करियादेह का 24 किमी मार्ग वाया राजस्थान के साथ शिवपुरी के भेसरावन गांव को जोड़ता… या फिर अन्य कहीं भी चले जाइए। हर तरफ उधड़ी सड़कें और गड्ढे। गड्ढे तो महज दो तगाड़ी रेत-गिट्टी में भर जाएं, लेकिन एसी चैंबर में बैठे अफसरों को ग्रामीणों चिंता कहां। यही वजह है कि रोजाना लाखों लोग खराब सड़कों का यह नर्क झेलने को मजबूर हैं। गड्ढों से बाबस्ता यह हमारी हमेशा की तकलीफ है, लेकिन सरकारी सिस्टम में यह मुनाफे का कारोबार है। फाइलों में तो इन सड़कों के परफॉर्मेंस की पूरी गारंटी होती है, लेकिन हकीकत किसी से नहीं छिपी। घटिया निर्माण कर सड़क के नाम पर गोलमाल सालों से चल रहा है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 25 करोड़ से अधिक की लागत से बने कराहल से करियादेह का सड़क मार्ग पर कई स्थानों पर गड्ढे होने के साथ उखड़ गया है। पांच साल की गारंटी वाली 24 किलोमीटर की सड़क राजस्थान के साथ शिवपुरी के भेसरावन को जोड़ती है, लेकिन अब इस मार्ग से निकलने में लोगों को कठिनाई हो रही है। अगस्त 2021 में सड़क की गारंटी समाप्त हो जाएगी। दरअसल, पूरी कहानी है सड़क निर्माण के लिए बंटने वाले कमीशन की। सूत्र बताते हैं कि सबके हिस्से तय हैं। इसलिए अफसर भी चाहते हैं कि सड़क उधड़ें और वे फिर से इसका रिनोवेशन करवा कर ठेकेदारों से कमीशन लें।
अगस्त 2016 में हुआ निर्माण
प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत कराहल से करियादेह वाया राजस्थान ओर शिवपुरी जिले के भेसरावन को जोडऩे वाले मार्ग लागत 25 करोड़ अगस्त 2016 में 24 किलोमीटर तक तैयार किया गया। पांच साल की गारंटी के वाले इस मार्ग में खिरीखरी बाढ़, भेसरावन के बीच में पांच किमी में गड्ढे होने के साथ कई स्थानों पर सड़क मार्ग उखड़ गया है। इस बीच बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। गड्ढों से बस, ट्रक ,चार व दो पहिया वाहन निकलने में कठिनाई हो रही है। सड़क पर बिछाई गई गिट्टी मोरम डामर उखडने के साथ मे गड्ढे हो गए हैं।
नहीं हुआ संधारण का काम
कराहल से करियादेह मार्ग की 24 किमी सड़क बनने के बाद संधारण काम नहीं हुआ। सड़क निर्माण करने के बाद ठेकेदार ने दोबारा इधर मुड़कर भी नहीं देखा। लिहाजा घटिया निर्माण की भेंट सड़क चढ़ गई। वर्ष वार हर साल अलग वित्तीय प्रावधान एवं व्यय करने के लिए राशि दी जाती है। ठेकेदार ने 30 अगस्त 2016 के बाद सड़क निर्माण होने के बाद सड़क को देखा ही नहीं जबकि अभी सड़क गारंटी पीरियड में है।
आधा दर्जन से अधिक सड़कें खराब
कराहल के करियादेह मार्ग के साथ आधा दर्जन सड़कों की स्थिति खराब है । जिन सड़क मार्गो का कार्य हुआ है । उनमें करियादेह से पाठोंदा ,कूड़, लुहारी , कुरकुटा , चक्करामपूरा, दांती, खेरी गोरस आदिवासी बस्ती तक पहुंच मार्गो में टेपर बनने के साथ सड़क खुदकर उखड़ गई है । उखड़ी सडकों पर बने टेपर से वाहनों में बैठे लोगों को सड़क पर चलने के बाद लगता है कि ऊट की सवारी कर रहे हो।
तय हैं मानक, लेकिन परवाह किसे
मानक हैं कि विभिन्ना तकनीकों से सड़क की मजबूती की जांच हो और यह भी तय है कि डामर की कितनी मोटी परत होनी चाहिए, लेकिन मानकों की परवाह ही किसी को नहीं है। दिलचस्प है कि सड़क का काम शुरू होने से पहले ही अफसरों को यह पता होता है कि सड़क मामूली बारिश में भी नहीं टिकेगी क्योंकि ठेकेदार सड़क की मूल लागत से कम में टेंडर हासिल कर रहे हैं। खराब होने वाली ज्यादातर सड़कें वही हैं, जिनके टेंडर रेट एसओआर से कम थे।
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