नगरपालिका श्योपुर के वार्डों के लिए 10 अगस्त को और विजयपुर व बड़ौदा नगर परिषद के लिए 21 जनवरी को आरक्षण हो गए थे, लेकिन नगरीय प्रशासन आयुक्त ने आरक्षण में त्रुटि मानते हुए पिछले दिनों कलेक्टर को पत्र लिखकर नए सिरे से आरक्षण कराने के निर्देश दिए। यही वजह है कि गुरुवार को कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव की मौजूदगी में निषादराज भवन में आरक्षण प्रक्रिया कराई गई, जिसमें पहले श्योपुर नपा, फिर बड़ौदा और फिर विजयपुर का आरक्षण हुआ। दोपहर 12 बजे से हुई आरक्षण प्रक्रिया में श्योपुर नगरपालिका के आधे से ज्यादा वार्डों में बदलाव हो गया है। यही वजह है कि शहर का वार्ड क्रमांक 2 पहले 10 अगस्त के आरक्षण प्रक्रिया में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ था, लेकिन गुरुवार को अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गया है। इसी प्रकार वार्ड 5 पहले अनारक्षित था अब अन्य पिछड़ा वर्ग, वार्ड वार्ड 6 पहले अनारक्षित था अब अनारक्षित महिला, वार्ड 7 पहले अनारक्षित महिला अब अनारक्षित, वार्ड 10 पहले अनुसूचित जाति महिला था अब अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त, वार्ड 13 पहले पिछड़ा वर्ग महिला के लिए था अब अनारक्षित, वार्ड 14 पहले पिछड़ा वर्ग के लिए था अब अनारक्षित, वार्ड 18 पहले अनारक्षित महिला के लिए था अब अन्य पिछड़ा वर्ग, वार्ड 19 पहले अनारक्षित था अब अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, वार्ड 20 पहले अनुसूचित जाति के लिए था अब अनसुचित जाति महिला, वार्ड 21 पहले अनारक्षित था अब अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, वार्ड 22 पहले पिछड़ा वर्ग के लिए था अब अनारक्षित और वार्ड 23 पहले पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित हुआ था, लेकिन अब अनारक्षित हो गया है।
पूर्व नपाध्यक्ष ने कलेक्टर के देरी से आने पर जताई आपत्ति
आरक्षण प्रक्रिया के दौरान पूर्व नपाध्यक्ष दौलतराम गुप्ता ने कलेक्टर के देरी से आने पर आपत्ति जताई। साथ ही उन्होंने प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें नियमों का पालन नहीं हो रहा है। यदि पिछली वाली प्रक्रिया गलत थी तो फिर उन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। इस दौरान कलेक्टर ने गुप्ता को मंच पर बुलाकर नियमावली पढ़ाई और अन्य लोगों को भी बुलाया, लेकिन पूर्व नपाध्यक्ष संतुष्ट नजर नहीं आए और दोनों के बीच हल्की बहस हुई।
एससी के तीन में से दो महिलाओं के आरक्षण पर भी सवाल
हालांकि आरक्षण प्रक्रिया में प्रशासन ने नियमों का हवाला दिया और जनसंख्या और आरक्षित वर्ग की आबादी के प्रतिशत के हिसाब से आरक्षण करने की बात कही, लेकिन लोगों ने आरक्षण पर सवाल उठाए। पूर्व पार्षद दीपचंद रैगर ने कहा कि शहर में अनुसूचित जाति के तीन में से दो वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिए, जो 50 फीसदी से ज्यादा हैं और इसके लिए पर्ची भी नहीं उठाई, जबकि अनारक्षित वर्ग के 13 वार्डों में से महज 6 वार्ड ही अनारक्षित महिला के लिए गए गए।
नगरपालिका श्योपुर में आरक्षण की स्थिति
आरक्षित वर्ग वार्ड क्रमांक
अनारक्षित 1,7,12,13,14,22 और 23
अनारक्षित महिला 3,4,6,8,9 और 16
अन्य पिछड़ा वर्ग 5,10 और 18
अन्य पिछड़ा वर्ग महिला 15,19 और 21
अनुसूचित जाति 11
अनुसूचित जाति महिला 2 व 20
अनुसूचित जनजाति 17
नगरपरिषद बड़ौदा में आरक्षण की स्थिति
आरक्षित वर्ग वार्ड क्रमांक
अनारक्षित 8,9,13 और 15
अनारक्षित महिला 1,4 और 11
अन्य पिछड़ा वर्ग 7 व 10
अन्य पिछड़ा वर्ग महिला 2 व 3
अनुसूचित जाति 12
अनुसूचित जाति महिला 5 व 6
अनुसूचित जनजाति 14
अनुसूचित जनजाति महिला 00
आरक्षित वर्ग वार्ड क्रमांक
अनारक्षित 8,9,13 और 15
अनारक्षित महिला 1,4 और 11
अन्य पिछड़ा वर्ग 7 व 10
अन्य पिछड़ा वर्ग महिला 2 व 3
अनुसूचित जाति 12
अनुसूचित जाति महिला 5 व 6
अनुसूचित जनजाति 14
अनुसूचित जनजाति महिला 00
नगरपरिषद विजयपुर में आरक्षण की स्थिति
आरक्षित वर्ग वार्ड क्रमांक
अनारक्षित 2,5,6 और 11
अनारक्षित महिला 10,12 और 13
अन्य पिछड़ा वर्ग 4 और 14
अन्य पिछड़ा वर्ग महिला 8 और 9
अनुसूचित जाति 7
अनुसूचित जाति महिला 1 और 15
अनुसूचित जनजाति 3
आरक्षित वर्ग वार्ड क्रमांक
अनारक्षित 2,5,6 और 11
अनारक्षित महिला 10,12 और 13
अन्य पिछड़ा वर्ग 4 और 14
अन्य पिछड़ा वर्ग महिला 8 और 9
अनुसूचित जाति 7
अनुसूचित जाति महिला 1 और 15
अनुसूचित जनजाति 3