नेत्र कांड और डॉक्टर की पदस्थी न होना कारण
नेत्र ऑपरेशनो की लक्ष्यपूर्ति नहीं होने के पीछे जहां एक कारण जिम्मेदारो की उदासीनता है। वहीं दूसरा कारण जिले में नेत्र ऑपरेशन शिविर के दौरान हुए नेत्र कांड है। क्योंकि यहां नेत्र ऑपरेशन शिविर के दौरान कई मरीजो की आंखो की रोशनी चली गईथी।जिसके हंगामे की गूंज भोपाल तक पहुंची थी। जबकि तीसरा कारण यहां नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर की पदस्थी नहीं होना भी है।क्योंकि यहां सालभर से नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है।हालांकि छह माह पहले शासन के द्वारा एक महिला नेत्ररोग विशेषज्ञ की पदस्थी जिला अस्पताल में की थी। मगर वह महिला डॉक्टर कुछ दिन रुकने के बाद इस्तीफा देकर चली गई।
नेत्र ऑपरेशनो की लक्ष्यपूर्ति नहीं होने के पीछे जहां एक कारण जिम्मेदारो की उदासीनता है। वहीं दूसरा कारण जिले में नेत्र ऑपरेशन शिविर के दौरान हुए नेत्र कांड है। क्योंकि यहां नेत्र ऑपरेशन शिविर के दौरान कई मरीजो की आंखो की रोशनी चली गईथी।जिसके हंगामे की गूंज भोपाल तक पहुंची थी। जबकि तीसरा कारण यहां नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर की पदस्थी नहीं होना भी है।क्योंकि यहां सालभर से नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है।हालांकि छह माह पहले शासन के द्वारा एक महिला नेत्ररोग विशेषज्ञ की पदस्थी जिला अस्पताल में की थी। मगर वह महिला डॉक्टर कुछ दिन रुकने के बाद इस्तीफा देकर चली गई।
ऑपरेशन के लिए ग्वालियरसे बुलाई जा रही डॉक्टरों की टीम
यहां नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने के कारण जिले के स्वास्थ्य विभाग को नेत्र ऑपरेशन के लक्ष्य की पूर्ति के लिए ग्वालियर के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बुलानी पड़ रही है।ग्वालियर के डॉक्टरों की टीम यहां शिविर लगाकर मरीजों की आंखों की जांच के बाद उनको भर्तीकरती है और उनका ऑपरेशन ग्वालियर ले जाकर करती है। वहीं दूसरी तरफ स्वयंसेवी संस्थाएं जिले के जिन लोगो कंी आंखों का ऑपरेशन अपने स्तर से कर रही है,उन लोगों के ऑपरेशनों को भी स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य पूर्तिके लिए अपने खाते में जोड़ रहा है।
वर्जन
यहां नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं है।इसके लिए हम कईबार शासन को लिख चुके है। नेत्रऑपरेशनों की लक्ष्य की पूर्ति के लिए ग्वालियर से नेत्र विशेषज्ञो को श्योपुर बुलाकर शिविर आयोजित किए जा रहे है।पिछले साल जिले में लक्ष्य से अधिक नेत्रऑपरेशन हो चुके है। जिनमें स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा कराए गए नेत्र ऑपरेशन भी शामिल है।
डॉ एनसी गुप्ता
सीएमएचओ,श्योपुर
यहां नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने के कारण जिले के स्वास्थ्य विभाग को नेत्र ऑपरेशन के लक्ष्य की पूर्ति के लिए ग्वालियर के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बुलानी पड़ रही है।ग्वालियर के डॉक्टरों की टीम यहां शिविर लगाकर मरीजों की आंखों की जांच के बाद उनको भर्तीकरती है और उनका ऑपरेशन ग्वालियर ले जाकर करती है। वहीं दूसरी तरफ स्वयंसेवी संस्थाएं जिले के जिन लोगो कंी आंखों का ऑपरेशन अपने स्तर से कर रही है,उन लोगों के ऑपरेशनों को भी स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य पूर्तिके लिए अपने खाते में जोड़ रहा है।
वर्जन
यहां नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं है।इसके लिए हम कईबार शासन को लिख चुके है। नेत्रऑपरेशनों की लक्ष्य की पूर्ति के लिए ग्वालियर से नेत्र विशेषज्ञो को श्योपुर बुलाकर शिविर आयोजित किए जा रहे है।पिछले साल जिले में लक्ष्य से अधिक नेत्रऑपरेशन हो चुके है। जिनमें स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा कराए गए नेत्र ऑपरेशन भी शामिल है।
डॉ एनसी गुप्ता
सीएमएचओ,श्योपुर
नेत्र ऑपरेशन के लिए निर्धारित लक्ष्य एक नजर में
वर्ष लक्ष्य पूर्ति
२००७-०८ १५०० ७२५
२००८-०९ १५०० ४६६
२००९-१० १५०० ३४३
२०१०-११ १५०० ५४३
२०११-१२ १५०० ६९९
२०१२-१३ १५०० ६११
२०१३-१४ १५०० ६४९
२०१४-१५ १५०० ४००
२०१५-१६ १५०० ७००
२०१६-१७ २००० १३७
२०१७-१८ २००० ५००
२०१८-१९ २००० २०२४५
वर्ष लक्ष्य पूर्ति
२००७-०८ १५०० ७२५
२००८-०९ १५०० ४६६
२००९-१० १५०० ३४३
२०१०-११ १५०० ५४३
२०११-१२ १५०० ६९९
२०१२-१३ १५०० ६११
२०१३-१४ १५०० ६४९
२०१४-१५ १५०० ४००
२०१५-१६ १५०० ७००
२०१६-१७ २००० १३७
२०१७-१८ २००० ५००
२०१८-१९ २००० २०२४५