उल्लेखनीय है कि फसल विक्रय में कम भाव पर होने वाले जोखिम की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नवाचार करते हुए 16 अक्टूबर से मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना शुरू की गई। इसी के तहत 16 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक खरीफ की चिन्हित फसलों की खरीदी हुई, जिसके बाद सरकार किसानों को भावांतर दे रही है। इसी के तहत पहले चरण (16 से 30 अक्टूबर) और दूसरे चरण (1 से 30 नवंबर) में उपज विक्रय का भुगतान किए जाने के बाद अब तीसरे चरण का भुगतान किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय स्तर पर स्क्रूटनी करने के बाद शासन को भेजी गई, जहां से मॉडल रेट का केलकुलेशन किए जाने के बाद शासन ने सूची जारी की है। बताया गया है कि तीसरे चरण में 2975 किसान चिह्नित हुए हैं, जिन्हें छह करोड़ 25 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जाना है।
खरीफ में लाभान्वित हुए साढ़े सात हजार किसान
खरीफ सीजन से प्रारंभ हुई भावांतर भुगतान योजना में जिले में लगभग 13 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था, लेकिन अधिकांश ने योजना में अपनी उपज ही नहीं बेची और कई किसान तो राजस्थान की मंडियों में चले गए। यही वजह है कि योजना में 16 अक्टूबर से 31 दिसंबर की अवधि के बीच लगभग साढ़े हजार हजार किसानों ने योजना में विक्रय किया, जिन्हें शासन की ओर से लगभग 15 करोड़ का भुगतान हो रहा है।
दिसंबर माह में उपज विक्रय करने वाल लगभग 2900 किसानों को लगभग सवा छह करोड़ का भुगतान होना है। इसके लिए सूची वेरीफाई हो रही है। शासन से राशि मिलने के बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी।
पी गुजरे, उप संचालक, कृषि विभाग श्योपुर