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गर्मी के रौद्र रूप से रीतने लगे बांध-तालाब, भूजलस्तर भी 10 फीट तक गिरा

locationश्योपुरPublished: Jun 06, 2019 07:58:41 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

गर्मी के रौद्र रूप से रीतने लगे बांध-तालाब, भूजलस्तर भी 10 फीट तक गिराजिले में एक पखवाड़े से 45 से 47 डिग्री के बीच चल रहे तापमान से जलाशयों में हो रहा वाष्पीकरण, अब बारिश की ओर लगी जनमानस की टकटकी

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गर्मी के रौद्र रूप से रीतने लगे बांध-तालाब, भूजलस्तर भी 10 फीट तक गिरा

श्योपुर,
नौतपा के खूब तपने के बाद भी गर्मी का रौद्र रूप बरकरार है। यही वजह है कि बीते एक पखवाड़े से जिले का अधिकतम तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। इसी के चलते जहां आमजन गर्मी से व्याकुल हैं, वहीं पानी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसी का परिणाम है कि बांध-तालाब रीतने लगे हैं, तो भूजलस्तर भी लगातार गिर रहा है। ऐसे में अब जनमानस की टकटकी बारिश की ओर लगी है।

इस बार प्री-मानसून की गतिविधि अभी तक शुरू नहीं होने से जहां तालाब तो पहले ही रीत चुके हैं, लेकिन अब बांधों का जलस्तर भी कम होने लगा है। जलाशयों में पानी रीतने की वजह अत्यधिक गर्मी से हो रहा वाष्पीकरण है। वाष्पीकरण के चलते बांधों, तालाब और नदियों का जलस्तर लगातार गिर रहा है। ऐसे में जलाशयों का जलस्तर कम होने और कई जगह तक तालाब व अन्य जलाशया सूखने से इंसानों और मवेशियों के लिए पानी की किल्लत गहराने लगी है।
बंजारा डेम खाली, आवदा व ककेटो में डेडस्टोरेज का पानी
लगातार तेज गर्मी और वाष्पीकरण के चलते शहर का बंजारा डेम लगभग खाली हो गया है। यही वजह है कि डेम की पाल के निकट तलहटी दिखाई देने लगी है। कुछ यही स्थिति मध्यम सिंचाई परियोजना के आवदा बांध की है, जिसमें अब डेड स्टोरेज का पानी बचा है। रियासतकाल में बना आवदा बांध दर्जनभर गांवों के भू-जल स्तर को रीचार्ज करने में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि इसी बांध से कमांड क्षेत्र में 10 हजार हेक्टेयर रकबे में फसलों की सिंचाई होती है। वहीं विजयपुर क्षेत्र में बना अपरककेटो भी रीत गया है। इसके साथ ही चंद्रपुरा, भोगिका, अजापुरा सहित अन्य जगह बने बड़े तालाब भी रीत गए हैं।
एक माह में 10 फीट गिरा भूजल
जिले में लगातार दोहन और गर्मी के चलते भूजलस्तर भी तेजी से गिरा है। यही वजह है कि मई माह में जिले का औसत भूजलस्तर 110 से 115 फीट था जो अब जून में बढ़कर 120 से 125 फीट तक पहुंच गया है। विशेष बात यह है कि ये तो जिले का औसत भूजल है, लेकिन कई इलाके तो ऐसे हैं, जहां भूजलस्तर की स्थिति 250 से 300 फीट तक पहुंच गई है। बताया गया है कि श्योपुर जिले में अंधाधुंध अवैध बोर खनन हुए हैं, जिसके चलते भूजल का लगातार दोहन हुआ है। बावजूद इसके जलसंरक्षण की ओर कोई गंभीर नजर नहीं आता।

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