नए साल में गुलजार रहेंगे जिले के पर्यटन स्थल
कोरोना की मायूसी के बाद अब नए साल से उम्मीद
जिले के पर्यटन स्थलों पर रहेगी भीड़

श्योपुर,
प्रदेश के पिछड़े जिलों में शुमार श्योपुर में यूं तो विकास कोसों दूर है, लेकिन पर्यटन संपदा के लिए लिहाज से श्योपुर परिपूर्ण है। यही वजह है कि नववर्ष पर जिले के पर्यटन स्थल गुलजार होने की उम्मीद है। बीते एक साल की कोरोना की मायूसी से उबरने के लिए अब लोग नए साल पर पर्यटन स्थलों पर जाने का मन बना रहे हैं।
जिले में नए साल पर पर्यटन स्थल आबाद रहेंगे। पर्यटकों के लिए नए वर्ष के स्वागत के लिए कूनो नेशनल पार्क और रामेश्वर त्रिवेणी संगम तो मुख्य पर्यटन केंद्र रहेंगे ही, इसके अलावा भी वनांचल में स्थित ऐतिहासिक डोबकुंड, राज्य संरक्षित स्मारक विजयपुर का किला, बड़ौदा किला, बड़ौदा का चंद्रसागर मंदिर जैस ऐतिहासिक स्थलों के साथ ही पूरे एशिया में इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना पार्वती एक्वाडेक्ट और कूनो सायफन पर भी लोग जा सकते हैं।
विश्व पटल पर पहचान देते कूनो और चंबल
श्योपुर जिले को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर प्रदर्शित करने के लिए कूनो नेशनल पार्क पूरी तरह से तैयार है। हालांकि अभी यहां गिर से एशियाई सिंह आना रह गया है, लेकिन अपने सौंदर्य के चलते कूनो अभयारण्य अद्वितीय है, यही वजह है कि यहां वन्यजीवों की संख्या अद्वितीय है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल अभयारण्य भी श्योपुर से ही शुरू होता है। हालांकि ये अभयारण्य भिंड जिले तक है, लेकिन जिले की सीमा में भी चंबल अभयारण्य में देशी और विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं।
पर्यटन स्थलों की श्येापुर जिला मुख्यालय से दूरी
-कूनो अभयारण्य 80 किमी
-चंबल अभयारण्य 25 किमी
-पार्वती एक्वाडेक्ट 30 किमी
-कूनो सायफन 100 किमी
-श्योपुर किला 01 किमी
-डोब कुंड 50 किमी
-मानपुर किला 35 किमी
-विजयपुर किला 150 किमी
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