श्योपुर

अस्पताल की दहलीज पर तपते बदन बिना इलाज पड़े रहे मासूम

डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मासूमों को नहीं किया भर्ती – इधर माथे पर जख्म दिखाती पट्टी बांधकर हड़ताल में शामिल रहे डॉक्टर – पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना के विरोध 24 घंटे की हड़ताल – आयुष डॉक्टरोंने संभाली ओपीड़ी, सोनोग्राफी जांच और डायलिसिस सुविधा रही बंद

श्योपुरJun 18, 2019 / 08:05 pm

Laxmi Narayan

sheopur

श्योपुर,
जिला अस्पताल की दहलीज पर मासूम लव-कुश तपते बदन बिना इलाज पड़े रहे। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मासूमों को भर्ती नहीं किया गया। बेला गांव से आए परिजनों से बोला गया कि अभी डॉक्टर हड़ताल पर है दवा लेकर जाओ भर्ती के लिए मंगलवार को आना। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना के विरोध में डॉक्टरों की 24 घंटे की हड़ताल असर सोनोग्राफी जांच और डायलिसिस इलाज पर ज्यादा पड़ा। ओपीडी में आयुष डॉक्टरों की ड्यूटी मरीजों को देखने के लिए लगाई गई थी। इस वजह से सामान्य बीमारी के मरीजों को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई, लेकिन मरीज भर्ती नहीं हो सके।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार की सुबह ६ बजे से डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी।हड़ताल मंगलवार की सुबह ६ बजे तक चलेगी। हड़ताल करने वाले डॉक्टर माथे पर जख्म दिखाती पट्टी बांधकर जिला अस्पताल के गेट पर प्रदर्शन करने के बाद एसएनसीयू के अंदर एसी में जाकर बैठ गए। डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पताल आने वाले मरीज परेशान हुए। इमरजेंसी सेवा को छोड़कर डॉक्टरों ने सारे काम का बहिष्कार किया था। वार्ड में भर्ती मरीजों को नर्सिंग स्टाफ के भरोसे रहना पड़ा।

बंद रही सोनोग्राफी जांच,वापस लौटे मरीज
जिला अस्पताल में सोमवार को डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जहां सोनोग्राफी जांच कक्ष पर ताला पड़ा रहा। वहीं डायलिसिस की सुविधा भी बंद बनी रही। सोनोग्राफी जांच नहीं होने के कारण मरीजो को काफी देर परेशान होने के बाद बिना सोनोग्राफी जांच कराए लौटना पड़ा।

अस्पताल की ओपीडी में बैठे पांच आयुर्वेद डॉक्टर, देखे मरीज
एलोपैथी डॉक्टरों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य विभाग ने ओपीडी में आयुर्वेद और आरबीएस के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई थी। डॉ रवि वर्मा, डॉ बृजलता माझी, डॉ रघुवीर मीणा, डॉ सुग्रीव मीणा, डॉ पुष्पा गंगवाल ने जिला अस्पताल की ओपीडी में बैठकर मरीजों का उपचार किया।

नहीं बैठा कोई डॉक्टर,काफी देर इंतजार कर लौटी महिलाएं
यूं तो जिला अस्पताल की ओपीडी में पांच डॉक्टरों ने बैठकर मरीजो को देखा। लेकिन मेटरनिटी विंग की ओपीड़ी में कोई भी डॉक्टर नहीं बैठा। जिस कारण महिला मरीज काफी देर डॉक्टरों का इंतजार करने के बाद वापस लौट गई।

अस्पताल गेट पर पट्टी बांध किया प्रदर्शन,फिर एसी में जाकर बैठ गए डॉक्टर
हड़ताल पर रहने वाले जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने सोमवार सुबह अस्पताल के गेट पर जख्मी दिखाती सफेद पट्टी माथे पर बांधकर प्रदर्शन किया। थोड़ी देर प्रदर्शन करने के बाद सभी डॉक्टर एसएनसीयू में जाकर एसी में बैठ गए। जबकि जिला अस्पताल में मरीज डॉक्टरों को दिखाने के लिए इधर-उधर तलाशते रहे।
सीएचसी और पीएचसी पर भी बैठाए एक-एक डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग ने जहां जिला अस्पताल की ओपीड़ी में आयुर्वेद और आरबीएस के पांच डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई ।वहीं सीएचसी और पीएचसी पर भी एक-एक डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई। सीएचसी बड़ौदा में आयुष डॉक्टर चित्रा अग्रवाल ने ओपीड़ी में बैठकर मरीजों का इलाज किया। वहीं सीएचसी कराहल में डॉ राजेश मेहरा,हरिओम उपाध्याय और विजयपुर में डॉ राजेन्द्र अहिरवार,पीएचसी ढोढर में डॉ हेमराज नागर,दांतरदा में डॉ सुधाकर गुडगे और प्रेमसर में डॉ राजवर्धन रावत ने ओपीडी में बैठकर मरीजो को देखा।
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