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4,80,000 लोगों का स्वास्थ्य सर्वे, 327 मिले संदिग्ध, 309 के कराए सैंपल

locationश्योपुरPublished: Jul 11, 2020 11:16:42 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

जिलेभर में बीते 10 दिन से किल कोरोना अभियान के तहत घर-घर लोगों का स्वास्थ्य सर्वे किया जा रहा है। इसमें 4 लाख 80 हजार लोगों का सर्वे किया जा चुका है। इस सर्वे में 327 कोविड संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें से 309 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए और इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई।

4,80,000 लोगों का स्वास्थ्य सर्वे, 327 मिले संदिग्ध, 309 के कराए सैंपल

4,80,000 लोगों का स्वास्थ्य सर्वे, 327 मिले संदिग्ध, 309 के कराए सैंपल

श्योपुर. जिलेभर में बीते 10 दिन से किल कोरोना अभियान के तहत घर-घर लोगों का स्वास्थ्य सर्वे किया जा रहा है। इसमें 4 लाख 80 हजार लोगों का सर्वे किया जा चुका है। इस सर्वे में 327 कोविड संदिग्ध मरीज मिले हैं। इनमें से 309 के सैंपल जांच के लिए भेजे गए और इन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। यह जिले के लिए बड़ी राहत की बात है। हालांकि अभी किल कोरोना अभियान के तहत 15 जुलाई तक सर्वे किया जाना है। जिले में 1 जुलाई से करीब 103 दल घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे कर रहे हैं।
10 जुलाई तक जिले में 4,80,000 लोगों का सर्वे किया जा चुका है। इसके अलावा मलेरिया व अन्य बीमारियों के मरीज भी इस दौरान मिले हैं। हालांकि जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 पर पहुंच चुकी है। इनमें से 75 लोग कोरोना को हराकर अपने घर वापस पहुंच गए हैं। जबकि 2 लोगों की मौत हो चुकी है।

अब 40 फीसदी तक पहुंचने की चुनौती
किल कोरोना अभियान के लिए 103 दल सर्वे का काम कर रहे हैं। 10 दिन में जिले में 4 लाख 80 हजार लोगों का सर्वे किया जा सका है। जबकि जिले में कुल जनसंख्या के 40 फीसदी लोगों का स्वास्थ्य सर्वे किया जाना बाकी है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के सामने ये चुनौती है कि उनके दलों द्वारा 5 दिन में अधिक लोगों का सर्वे किस तरह से किया जा सके। 1 जुलाई से 10 जुलाई तक कुल जनसंख्या के 60 फीसदी लोग सर्वे दल ने कवर कर लिए हैं।

ऐप पर अपलोड हो रही जानकारी
प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि भी इसमें सहयोग दे रहे हैं। कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्वत ने सभी लोगों से अभियान में पूर्ण सहयोग देने की अपील की है। कोविड-19 के तहत दो कैटेगरी शामिल हैं। इनमें इन्फ्लुएंजा लाइक इल्नेस (आइएलआइ) एवं सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इन्फेक्शन (एसएआरआइ) शामिल हैं। सर्वे कार्य डिजिटल तकनीक से किया जा रहा है। इसमें सार्थक ऐप तथा कोविड-19 एप पर जानकारी अपलोड की जा रही है।

सर्वे में मरीज चिह्नित करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि यदि वायरस एक बार फेफड़ों में चला गया तो फिर सेहत के लिहाज से स्थिति संभालना मुश्किल हो जाती है। इसलिए लोगों से भी अपील है कि वह लक्षण दिखते ही तत्काल उपचार कराएं, सर्वे टीम को बताएं, फीवर क्लिनिक जाएं।
राकेश कुमार श्रीवास्तव, कलेक्टर

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