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यहां किसान का बेटा बना सिविल जज

locationश्योपुरPublished: Aug 23, 2019 07:18:17 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

एक किसान पुत्र ने बढ़ाया श्योपुर जिले का मान, सिविज जज की परीक्षा में पाई सफलताजिले के छोटे से गांव बड़ौदाराम के किसान पुत्र का सिविल जज में चयन, ओबीसी वर्ग में पाई चौथी रैंक

यहां किसान का बेटा बना सिविल जज

यहां किसान का बेटा बना सिविल जज

श्योपुर,
एक छोटे से गांव की गलियों बचपन और लड़कपन बीता, लेकिन बचपन से ही सपना बड़ा था। यही वजह है कि जब लक्ष्य हासिल करने का जज्बा और जुनून हो तो सफलता निश्चित मिलती है। इसी को साकार किया है जिले के छोटे से गांव के एक किसान बेटे ने, जिनका चयन सिविल जज के पद पर हुआ है।
श्योपुर जिले के ग्राम बड़ौदाराम के निवासी किसान मोहनलाल मीणा के पुत्र बलराम मीणा ने सिविल जज की चयन सूची में प्रदेश में ओबीसी वर्ग में चौथी रैंक पाई है। बलराम ने सिविल जज बनकर न केवल अपने गांव बड़ौदाराम को गौरवान्वित किया है बल्कि श्योपुर जिले का भी मान बढ़ाया है। बलराम के पिता गांव में ही रहकर खेती-किसानी करते आ रहे हैँ, लेकिन उन्होंने अपने पुत्र को इतना काबिल बनाया कि वो सिविल जज के पद तक पहुंच गए हैं। बीते रोज आए सिविल जज के परिणाम में सफलता पाने पर बलराम मीणा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। बलराम मीणा के दो बड़े भाई भी सरकारी सेवा में हैं, जबकि उनके छोटे भाई गांव में ही रहकर किसान पिता के साथ खेती करते हैं।

सपना था सिविल जज बनना, चौथी बार में पाई सफलता
पत्रिका से बातचीत में सिविल जज बने बलराम मीणा ने बताया कि वर्ष 2013 में एलएलबी कंपलीट करने के बाद उन्होंने इंदौर में रहकर सिविल जज की तैयारी शुरू कर दी और चौथी बार में ये सफलता पाई। मीणा ने बताया कि स्कूली पढ़ाई के बाद ही मैंने सिविल जज बनने का सपना बना लिया, जिसके चलते पहले लॉ किया और फिर सिविल जज की परीक्षा दी। उनका कहना है कि यदि लक्ष्य बनाकर पूरी तन्मयता से अध्ययन और तैयारी करें तो सफलता मिलना निश्चित है।
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