scriptयहां बाबा क्षेत्रपाल को ढोके बिना पूरा नहीं होता मांगलिक कार्य | Here the Baba does not complete the work of Auspicious | Patrika News

यहां बाबा क्षेत्रपाल को ढोके बिना पूरा नहीं होता मांगलिक कार्य

locationश्योपुरPublished: May 18, 2019 01:49:34 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

यहां बाबा क्षेत्रपाल को ढोके बिना पूरा नहीं होता मांगलिक कार्यश्योपुर जिले के मानपुर क्षेत्र के जैनी में है क्षेत्रपाल बाबा मंदिर, अद्वितीय है मान्यता, लगता है मदिरा का भोग

sheopur

यहां बाबा क्षेत्रपाल को ढोके बिना पूरा नहीं होता मांगलिक कार्य

श्योपुर,
श्योपुर जिले के अट्ठाइसा क्षेत्र के ग्राम जैनी में विराजे श्री क्षेत्रपाल बाबा की अपनी अलग महत्ता और मान्यता है। भैरो बाबा के रूप में विराजे जैनी के बाबा क्षेत्रपाल पूरे क्षेत्र के पालनहार कहे जाते हैं। यही नहीं क्षेत्र के ग्रामीण तो अपने घर-परिवार में कोई शुभ कार्य या मांगलिक कार्य को तब तक पूरा नहीं मानते जब तक की बाबा के मंदिर में ढोक न लगा दें।
यही वजह है कि यहां न केवल हर रविवार श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, बल्कि पीपल पूर्णिमा पर वार्षिक मेला भी लगता है। मानपुर-जैनी सहित न केवल पूरे अट्ठाइसा क्षेत्र बल्कि श्योपुर जिले के साथ ही राजस्थान में भी श्री क्षेत्रपाल बाबा के प्रति श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर आते हैं। सैकड़ों सालों से जैनी में स्थिति श्री क्षेत्रपाल बाबा के दर्शनों के लिए तो लोग आते ही हैं, साथ ही अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और लड्डू-बाटी का भोग भी लगाते हैं। मान्यता है कि क्षेत्रपाल बाबा की कृपा से क्षेत्र में कभी कोई अनिष्ट, महामारी जैसी आपदाएं नहीं आईं। बीते कई सालों से यहां माली समाज का एक परिवार पूजा अर्चना करता है।
मदिरा का भी चढ़ता है प्याला
उज्जैन के भैरव बाबा की तरह ही जैनी के क्षेत्रपाल बाबा को भी शराब का प्याला चढ़ाया जाता है। बाबा को शराब का प्याला अर्पित करने वाले रामदयाल शिवहरे कहते हैं कि क्षेत्रपाल बाबा को चाहे जितनी शराब चढ़ाई जाए सब गायब हो जाती है। मूर्ति पर अर्पित करते ही पता ही नहीं चलता कि आखिर मदिरा गायब कहां हो जाती है। इतना ही नहीं मंदिर में मदिरा की दुर्गंध भी नहीं आती। यही वजह है कि यहां आने वाले श्रद्धालु बाबा को मदिरा का प्याला जरूर चढ़वाते हैं।

एक दशक में भूसा बेचकर बना दिया भव्य मंदिर
यूं तो बाबा के प्रति क्षेत्र के ग्रामीणों की खूब आस्था है, लेकिन जैनी क्षेत्र के किसानों ने बीते एक दशक में अपने खेतों का सरसों का भूसा(कांट) बेचकर ही भव्य मंदिर बना दिया है। बताया गया है कि ग्रामीण अपना भूसा मंदिर को दान कर देते हैं और यहां निर्माण समिति भूसे को इकट्ठा बेचकर राशि से मंदिर निर्माण करा रही है। निर्माण समिति के अध्यक्ष रामचरण मीणा बताते हैं कि बीते एक दशक में एक करोड़ से ज्यादा की राशि एकत्रित की जा चुकी है और भव्य मंदिर निर्माण हो गया है।
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