उज्जैन के भैरव बाबा की तरह ही जैनी के क्षेत्रपाल बाबा को भी शराब का प्याला चढ़ाया जाता है। बाबा को शराब का प्याला अर्पित करने वाले रामदयाल शिवहरे कहते हैं कि क्षेत्रपाल बाबा को चाहे जितनी शराब चढ़ाई जाए सब गायब हो जाती है। मूर्ति पर अर्पित करते ही पता ही नहीं चलता कि आखिर मदिरा गायब कहां हो जाती है। इतना ही नहीं मंदिर में मदिरा की दुर्गंध भी नहीं आती। यही वजह है कि यहां आने वाले श्रद्धालु बाबा को मदिरा का प्याला जरूर चढ़वाते हैं।
एक दशक में भूसा बेचकर बना दिया भव्य मंदिर
यूं तो बाबा के प्रति क्षेत्र के ग्रामीणों की खूब आस्था है, लेकिन जैनी क्षेत्र के किसानों ने बीते एक दशक में अपने खेतों का सरसों का भूसा(कांट) बेचकर ही भव्य मंदिर बना दिया है। बताया गया है कि ग्रामीण अपना भूसा मंदिर को दान कर देते हैं और यहां निर्माण समिति भूसे को इकट्ठा बेचकर राशि से मंदिर निर्माण करा रही है। निर्माण समिति के अध्यक्ष रामचरण मीणा बताते हैं कि बीते एक दशक में एक करोड़ से ज्यादा की राशि एकत्रित की जा चुकी है और भव्य मंदिर निर्माण हो गया है।