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आईएसओ अवार्ड विनर छात्रावास की बेटियां खेतों से भर रही पानी

locationश्योपुरPublished: Jan 08, 2018 04:06:11 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

कैंपस के सात छात्रावास के बच्चों को खेतों की बोर से लाना पड़ रहा पानी, जिम्मेदार मौन

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कराहल । कहने को भले ही छात्रावास आईएसओ अवार्ड विनर हो, लेकिन यहां की बेटियां खेतों के बोर से पानी लाने को मजबूर हैं। यह हकीकत है कराहल के सीडब्ल्यूसी छात्रावास कैंपस का, जहां इन दिनों पेयजल संकट है और छात्रावासी बच्चों को इधर-उधर से पानी लाना पड़ रहा है। विशेष बात यह है कि जिम्मेदार अफसर भी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए दूसरों पर बला टालने जैसी बात करते नजर आते हैं। ऐसे में कड़ाके की ठंड में अल सुबह से ही बच्चों को पहले पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है, उसके बाद पढ़ाई पर ध्यान लग रहा है।


आदिवासी विकासखंड मुख्यालय कराहल में सामुदायिक कल्याण केंद्र संचालित है, जिसमें आदिम जाति कल्याण विभाग के सात छात्रावास चल रहे हैं। व्यवस्थाओं और सुविधाओं के नाम पर लगभग एक साल पूर्व ही इस कैंपस को आईएसओ अवार्ड मिला, जिसका सर्टिफिकेट प्रभारी मंत्री के हाथों संबंधित विभाग के अफसरों ने लिया। लेकिन अब यहां के बच्चों को पानी भी नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि पिछले कई दिनों से कैंपस में पानी का गंभीर संकट है, लेकिन अभी तक इसे गंभीरता से नहीं लिया गया है। वहीं पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करने के बजाए इन छात्रावासों के अधीक्षक और अधिक्षिकाएं बच्चों से ही पानी भरवा रहे हैं। यही वजह है कि छात्रावासों के बच्चे सुबह से ही यहां वहां ट़्यूबवलों पर पानी भरते नजर आ जाते हैं।


ये छात्रावास संचालित हैं कैंपस में
कराहल के समुदायक कल्याण केंद्र में सात छात्रावास आश्रम संचालित हैं, जिनमें कन्या शिक्षा परिसर, एसटी बालिका छात्रावास कराहल, शा एसटी आश्रम नया कराहल, एसटी बालिका आश्रम पुराना कराहल, अनुसूचित प्री-मेट्रिक बालिका छात्रावास, अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास, आदिवासी प्री-मेट्रिक बालिका छात्रावास आदि शामिल हैं।


पंचायत को दो लाख रुपए जारी किए हैं और अभी तक तो बच्चों को पानी मिल जाना चाहिए था। क्या सरपंच ने लीपापोती कर दी है? जिम्मेदार अधीक्षक क्या कर रहे हैं, उनको हमें बताना चाहिए और बच्चों से पानी भरा रहे हैं तो गलत है। इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
पीआर दोहरे, प्रभारी सहायक आयुक्त आजाक श्योपुर

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