इस दौरान नाचते-गाते श्रद्धालुओं ने गणपति से लोकमंगल की कामना करते हुए अगले वर्ष फिर से पधारने की मनुहार की। शोभायात्रा के दौरान युवा भक्तों में खासा उत्साह दिखाई दिया तथा समूचा वातावरण अबीर-गुलाल, पुष्प-वृष्टि तथा आतिशबाजी के साथ गणपति बप्पा मोरिया के जयघोषों से गरजता रहा। इस दौरान युवाओं की टोली नाचते गाते हुए चल रही थी, तो महिलाएं मंगल गीत गाते हुए चल समारोह में शामिल हुई। इसके साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन जहां गणेश भगवान को विदाई दी गई। इसी के साथ गत 2 सितंबर को गणेशचतुर्थी से शुरू हुई गणेशोत्सव की धूम भी 10 दिनों बाद संपन्न हो गई। बीते 10 दिनों से शहर के दर्जन भर से अधिक पांडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमाएं स्थापित की हुई थी।
वहीं दूसरी ओर गुरुवार को घरों में भगवान अनंत का पूजन भी विधि-विधान के साथ किया गया। अनंत चतुर्दशी पर्व पर अनंत भगवान की पूजा-अर्चना करते हुए अनंत-सूत्र बांधे जाने का विधान है, जिसका निर्वाह इस बार भी परम्परागत आस्था के साथ किया गया। इस पर्व पर तमाम महिलाओं ने दशा माता और गाज-बीज माता का विशेष पूजन भी किया।
अंचल में भी धूमधाम से हुआ गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन
शहर के साथ ही जिले के ग्रामीण अंचल के कस्बों और गांवों में भी धूमधाम और गाजे बाजे के साथ गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। बड़ौदा, कराहल, विजयपुर, वीरपुर, मानपुर, ढोढर, गिरधरपुर, रघुनाथपुर, श्यामपुर आदि गांवों और कस्बों में गणेश प्रतिमा विसर्जन के भव्य चल समारोह निकाले गए और नदियों व जलाशयों में प्रतिमाएं विसर्जित कर बप्पा को विदाई दी गई।