scriptतिमाही के रिजल्ट से बढ़ी चिंता, आधे छात्रों की आई डी और ई ग्रेड | Increased concern due to quarterly results, half students ID and E gra | Patrika News

तिमाही के रिजल्ट से बढ़ी चिंता, आधे छात्रों की आई डी और ई ग्रेड

locationश्योपुरPublished: Oct 20, 2019 07:31:07 pm

कक्षा नौंवी और दसवीं के 50 फीसदी विद्यार्थियों की आई ‘डी’ और ‘ई’ ग्रेडकक्षा 11वीं और 12वीं के 30 से 45 फीसदी विद्यार्थी आए ‘डी’ और ‘ई’ ग्रेड में

तिमाही के रिजल्ट से बढ़ी चिंता, आधे छात्रों की आई डी और ई ग्रेड

तिमाही के रिजल्ट से बढ़ी चिंता, आधे छात्रों की आई डी और ई ग्रेड

श्योपुर. सरकारी हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में सम्पन्न हुई तिमाही परीक्षा के रिजल्ट से जहां शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ गई है, वहीं आगामी बोर्ड परीक्षा परिणाम बेहतर रहेगा, इसको लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। कारण यह है कि सरकारी स्कूलों के कक्षा 9वीं और 10वीं के 50 फीसदी छात्र-छात्राओ की डी और ई ग्रेड आई है। वहीं कक्षा 11वीं और 12वीं के 30 से 45 फीसदी छात्र-छात्राएं डी और ई ग्रेड में आए हैं। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में कमजोर बच्चों की रेमेडियल कक्षाएं जनवरी तक लगाए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
खास बात यह है कि सभी स्कूलों में पढ़ाई में कमजोर बच्चों की रेमेडियल कक्षाएं विधिवत रूप से संचालित होगी या नहीं, यह देखने के लिए भी एक निरीक्षण दल का गठन किया गया है। कलेक्टर बसंत कुर्रे द्वारा गठित किए गए दल में जिला शिक्षा अधिकारी और एडीपीसी सहित 9 शिक्षकों को रखा गया है। बताया गया है कि यह निरीक्षण स्कूलों का निरीक्षण करेगा और यह देखेगा कि रेमेडियल कक्षाएं संचालित हो रही हैं या नहीं। कमजोर विद्यार्थियों का पढ़ाई स्तर ठीक हो रहा है या नहीं, उनको पढऩे में क्या परेशानी आ रही है आदि परेशानियों का पता लगाकर उनका निदान करेगा।
31 जनवरी तक संचालित होगी रेमेडियल कक्षाएं
शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में तिमाही परीक्षा का रिजल्ट उतना अच्छा नहीं रहा। जितना कि रहना चाहिए, क्योंकि कक्षा नौंवी और 10वीं के 50 फीसदी विद्यार्थी डी और ई ग्रेड में आए हैं। वहीं कक्षा 11वीं और 12वीं के करीब 30 से 45 फीसदी बच्चे भी डी और ई ग्रेड में आए हैं। बताया गया है कि इस स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आगामी बोर्ड परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं रहेगा। इसलिए शिक्षा विभाग ने कमजोर बच्चों की सभी स्कूलों में रेमेडियल कक्षाएं 31 जनवरी 2020 तक लगाए जाने के निर्देश दिए हैं।
अलग-अलग दिन स्कूलों में पहुंचेगा दल
स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर द्वारा निरीक्षण दल का गठन किया गया है, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी वकील सिंह रावत, एडीपीसी मानसिंह परमार, मॉडल स्कूल श्योपुर में पदस्थ शिक्षक शिवनाथ सिंह सिकरवार, पुरुषोत्तम गौड़, उत्कृष्ट स्कूल श्योपुर में पदस्थ शिक्षक जयपाल राजपूत, कोमल कुमार कंजोलिया, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, शाउमावि प्रेमसर में पदस्थ दिनेश जाटव, अरुण तोमर को शामिल किया है। यह निरीक्षण दल सप्ताह में अलग-अलग दिन स्कूलों में पहुंचकर निरीक्षण करेगा और रेमेडियल कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों की पढ़ाई का स्तर जानेगा।
नहीं सुधरी स्थिति तो प्राचार्य और शिक्षक पर होगी कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने सभी कमजोर विद्यार्थियों की कमजोरी रेमेडियल कक्षाओं के दौरान दूर करने की जिम्मेदार संबंधित स्कूल प्राचार्य और विषय शिक्षक को सौंपी है। साथ ही यह निर्देश भी दिए गए हैं कि अद्र्धवार्षिक परीक्षा में बच्चों की ग्रेड में सुधार नहीं होगा तो संबंधित प्राचार्य और विषय शिक्षक को इसका जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
77 हायर सेंकडरी व हाईस्कूल हैं जिले में
50 प्रतिशत विद्यार्थी नौवीं और दसवीं के आए डी और ई ग्रेड में
30 से 45 प्रतिशत विद्यार्थी 11वीं और 12वीं के आए डी और ई ग्रेड में
31 जनवरी तक चलेंगी रेमेडियल कक्षाएं
09 सदस्यीय है निरीक्षण दल
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