परंपरानुसार करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और चांद को देखकर अपना व्रत खोलती हैं। करवाचौथ का यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी करवाचौथ 17 अक्टूबर को कृतिका नक्षत्र से शुरू होकर रोहिणी नक्षत्र में संपन्न होगी। रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी योग बनने से इस करवाचौथ पर मार्कंडेय और सत्याभामा योग भी बन रहा है। यह विशेष संयोग लगभग 70 वर्ष बाद बन रहा है, जो बेहद मंगलकारी है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस करवाचौथ के दिन जो महिलाएं अपने पति के लिए व्रत करेंगी उनके लिए बेहद फलदायी होगा। बताया जाता है कि ऐसा योग तब बना था जब भगवान श्रीकृष्ण औऱ सत्यभामा का मिलन हुआ था। करवाचौथ के दिन रोहिणी नक्षत्र में पत्नी की पूजा से पति को दीर्घायु के साथ उत्तम स्वास्थ्य और संपन्नता मिलती है।
श्योपुर में रात 8.24 बजे होगा चंद्रोदय
करवा चौथ का व्रत इस बार 14 घंटे से भी ज्यादा का रहेगा। 17 अक्टूबर को सुबह 6.22 बजे सूर्योदय होगा, जिसके साथ ही करवाचौथ का व्रत प्रारंभ होगा, जो रात 8.24 बजे चंद्रोदय के बाद पूरा होगा। यानि दिन भर का व्रत समय 14 घंटे 4 मिनट कर रहेगा। श्योपुर में चंद्रोदय 8.24 बजे होगा, जबकि पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.50 से 7.06 तक रहेगा।
तेज हुई तैयारियां, सजे बाजार
17 अक्टूबर को मनाए जाने वाले करवा चौथ के पर्व को लेकर शहर में तैयारियां प्रारंभ हो गई है। शहर में जहां करवा व अन्य पूजन सामग्री की दुकानें सज गई हैं, वहीं कपड़े आदि की दुकानों पर भी महिलाओं की भीड़ दिखने लगी है। घरों में भी महिलाओं ने करवा चौथ को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी है।