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सिंहों के कूनो बसाहट में देरी पर छह सप्ताह में सुप्रीमकोर्ट में जवाब देगी भारत सरकार

locationश्योपुरPublished: Jan 12, 2018 03:55:02 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

सरकार ने इसके लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी से बाद रिपोर्ट पेश करने मांगा समय

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श्योपुर । एशियाई शेरों को उनके नए घर कूनो पालपुर अभयारण्य में सुप्रीमकोर्ट के आदेश बाद भी क्यों नहीं बसाया जा सका है? इस पर भारत सरकार छह सप्ताह में सुप्रीमकोर्ट में जवाब पेश करेगी। दरअसल इस मामले में दायर एक अवमानना याचिका पर १० जनवरी को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके जवाब को भारत सरकार द्वारा न्यायालय से ६ सप्ताह का समय मांगा गया। जो न्यायालय द्वारा दिया गया है।

यहां बता दें कि भोपाल की संस्था प्रयत्न के द्वारा 15 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एशियाई शेरों को मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर अभयारण्य में शिफ्ट करने को लेकर दिए गए आदेश का अमल न होने पर २०१४ में अवमानना याचिका लगाई थी। भारत सरकार और गुजरात सरकार के खिलाफ लगाई गई इस अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर २०१७ को नोटिस जारी करते हुए जवाब के लिए ४ सप्ताह का समय दिया था।जिसपर १० जनवरी को भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की ओर से पेश हुए असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना था कि सरकार को ट्रांसलोकेशन कमेटी का इंतजार है।इसके लिए उन्हें समय दिया जाए। क्योंकि यह समिति तय करेगी कि शेरों के किस परिवार को और किसतरह से कूनो भेजा जाना है।

शेरों के लिए १४ गांव के लोगों ने झेला है विस्थापन का दर्द
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने एशियाई शेरों को महामारी जैसी स्थिति से बचाने के लिए वर्ष 1991 में दूसरे राज्यों में शिफ्ट करने की योजना बनाई थी। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून ने इसके लिए मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो पालपुर के वातावरण को शेरों के लिहाज से अनुकूल बताया था। इसके आधार पर वर्ष 1993 में कूनो में शेरों की शिफ्टिंग का निर्णय लिया गया। इसके बाद १४ गांव को विस्थापन का दर्द भी झेलना पड़ा। शेरों की शिफ्टिंग के लिए बनाई गई विशेषज्ञों की समिति ने भी इसकी जरूरत बताई।

कूनो की तैयारियों को एक्सपर्ट कमेटी कर चुकी है ओके
यहां बता दें कि कूनो प्रबंधन अपने स्तर से शेरों के कूनो में आने की स्थितियों की सभी तैयारियां पूरी कर चुका है। एक्सपर्ट कमेटी के जानकार भी पिछले माहों में कूनो में हुई बैठक के दौरान कूनो की तैयारियों को ओके करार दे चुके हैं, सिर्फ सुझाव गिरि के प्रशिक्षित अमले से यहां के अमले को प्रशिक्षण दिलाने का दिया गया था। खासबात यह है कि कूनों पार्क प्रबंधन यह प्रशिक्षण भी यहां के गार्डस को गिरि भेजकर दिला चुका है। जिसके बाद कूनों शेरों के आने को लेकर पूरीतरह से तैयार है।
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