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पिछली बार आधा भी नहीं हुआ संग्रहण तो इस बार नहीं बढ़ाया लक्ष्य

locationश्योपुरPublished: Mar 31, 2019 08:15:22 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

-श्योपुर को मिला ३० हजार ६०० मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण करने का लक्ष्य-मई के प्रथम सप्ताह से शुरु होगा तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य

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श्योपुर,
वनवासियों की आय के मुख्य श्र्रोत माने जाने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य के लिए वन विभाग ने इस बार भी तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं शासन द्वारा ३० हजार ६०० मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है।
खास बात यह हैकि पिछले साल वन विभाग, तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य आधा भी हांसिल नहीं कर पाया था।इसलिए इस साल शासन के द्वारा श्योपुर को तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य बढ़ाकर नहीं दिया गया है।यहां बता दें कि गत वर्ष श्योपुर जिले को ३० हजार ६०० मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण करने का लक्ष्य मिला था। जिसके मुकाबले १५ हजार २४८.९५९ मानक बोरा तेंदूपत्ते का संग्रहण किया गया। जो लक्ष्य का आधा भी संग्रहण नहीं है। इसलिए शासन के द्वारा इस साल श्योपुर को ३० हजार ६०० मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य दिया गया है। बताया गया है कि तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य मई माह के प्रथम सप्ताह से शुरु होगा। जो कि जून के अंत तक चलेगा।
२६५०० मजदूरों को मिलेगा रोजगार
दरअसल जिले का लगभग 59 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। इसलिए वनक्षेत्र में निवासरत लोगों की आजीविका का मुख्य साधन वनोपज ही हैं। इसमें तेंदूपत्ता भी एक मुख्य वनोपज है, जो प्रति वर्ष मई-जून माह में संग्रहित किया जाता है। इसके जरिए जिले के लोगों को रोजगार मिलता है।इस साल भी जिले के २६ हजार ५०० लोगों को तेंदूपत्ता संग्रहण से रोजगार मिलेगा।तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य जिला वनोपज यूनियन 16 वन समितियों के माध्यम से कराया जाएगा। जिनमें श्योपुर, पिपरानी, नयागांव, कराहल, गोरस, पहेला, खिरखिरी, पर्तवाड़ा, सेसईपुरा, रतोदन, ओछापुरा, डोब, हीरापुर, वीरपुर, विजयपुर तथा गसवानी शामिल हैं।
चुनौती होगी अवैध तुड़ाई रोकना
यूं तो विभाग द्वारा विभिन्न वनउपज समितियों के माध्यम से प्रति वर्ष तेंदूपत्ता का संग्रहण कराया जाता है, लेकिन विभाग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती तेंदूपत्ता की अवैध तुड़ाई की है और पिछले सालों में लक्ष्य पूर्ति न हो पाने में भी सबसे बड़ी दिक्कत यही रही है। विभागीय सूत्रों के माने तो प्रतिवर्ष भारी मात्रा में तेंदूपत्ता का अवैध संग्रहण होता है, जिसे रोक पाने में विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस साल भी वन विभाग के लिए अवैध तुड़ाई को रोकना चुनौती होगा।
तेंदूपत्ते की दर बढ़ाई,भुगतान भी मिलेगा नकद
बताया गया है कि पहले साल तेदूपत्ते की २ हजार रुपए मानक बोरा दर थी। लेकिन शसन के द्वारा इस साल यह दर बढ़ाकर २५०० रुपए मानक बोरा कर दी गई है।वहीं भुगतान की व्यवस्था में भी शासन के द्वारा बदलाव कर दिया गया है। जहां भाजपा सरकार में मजदूरों का संग्रहण का भुगतान बैंक खाते के जरिए मिलता था।मगर अब कांग्रेस सरकार में मजदूरों को भुगतान नकद ही मिलेगा। यह बदलाव इसी साल से किया गया है।
्रवर्जन
जिले को इस साल ३० हजार ६०० मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य मिला है। तेंदूपत्ता संग्रहण की तैयारियां की जा रही है। मई के प्रथम सप्ताह में संग्रहण कार्य शुरु हो जाएगा। तेदूपत्ता की अवैध तुड़ाई रोकने के लिए भी प्रभावी गश्त की जाएगी।
अभिनव पल्लव
डीएफओ,श्योपुर
पिछले वर्षों में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य
वर्ष लक्ष्य पूर्ति
2009 34700 २९३१४
2010 ३४७०० २२२३९
2011 २६३०० २३६१३
2012 २६८०० ३३४९७
२०१३ २९००० ३२४९७
२०१४ ३०८०० २६०१५
२०१५ ३०८०० २३५७१
२०१६ २९७०० २००००
२०१७ ३०६०० ३१७२८.९५२
२०१८ ३०६०० १५२४८.९५९
२०१९ ३०६०० मई-जून में होगा संग्रहण

फैक्ट फाइल
18 ९-जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण केंद्र
16 -जिले में वनोपज समितियां
३०६००-मानक बोरा मिला है लक्ष्य
२६५००-लोगों को मिलेगा रोजगार
२५००-रुपए प्रति मानक बोरा होगी दर
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