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17 साल बाद रविवार को उत्तरायण होंगे भगवान सूर्यदेव

locationश्योपुरPublished: Jan 12, 2018 03:38:15 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

मकर संक्रांति 14 जनवरी को, प्रदोष तिथि और सर्वार्थसिद्धी योग का विशेष संयोग

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श्योपुर. ग्रहों के राजा सूर्यदेव के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश का पर्व मकर संक्रांति आगामी रविवार को परंपरागत ढंग से मनाया जाएगा। इस बार 17 साल बाद ये पहला मौका होगा जब भगवान सूर्यदेव उत्तरायण होंगे। दोपहर 1.47 बजे सूर्यदेव दक्षिणायन से उत्तरायण होंगे। पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि योग प्रदोष तिथि का संयोग रहेगा। यही वजह है कि इस बार की मकर संक्रांति शुभ फलदायी है।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक सूर्यदेव के उत्तरायण होने के समय वृष लग्न और कुंभ नवांश रहेगा। ये ज्योतिषीय योग दान-पुण्य आदि के लिए काफी फलदायी रहते हैं। खास बात यह है कि वृष लग्न होने से इस साल मकर संक्रांति अत्यंत शुभ मंगलकारी रहेगी। शास्त्रों के अनुसार प्रदोष, सर्वार्थसिद्धि योग वृष लग्न में किए दान का फल 100 गुना मिलता है। हालांकि दिनभर दान-पुण्य और स्नान आदि किए जा सकेंगे। फिर भी पुण्यकाल और महापुण्य काल का विशेष महत्व रहेगा। सर्वार्थसिद्धि योग दोपहर 1.14 बजे से शुरू होगा, जो दूसरे दिन सोमवार को सूर्योदय से एक मिनट पूर्व सुबह 7.20 बजे तक रहेगा। इससे पूर्व 2001 में रविवार को सूर्यदेव दक्षिणायान से उत्तरायण हुए थे। अब 1924 में मकर संक्रांति रविवार को आएगी।

तिल का रहेगा विशेष महत्व
सूर्य ग्रह सत्ता, प्रबंध, सरकार का स्वामी माना जाता है। इनकी पूजा करने से ऐश्वर्य अधिकार मिलते हैं। पं.चंद्रप्रकाश शास्त्री सोंईवालों के अनुसार संक्रांति के दिन तिल का विशेष महत्व रहता है। छह कर्म तिल से करने चाहिए। सर्वप्रथम तिल जल में डालकर और तिल तेल का उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए। सूर्योदय के समय सूर्यदेव को मीठे जल में तिल डालकर अघ्र्य देना चाहिए। तिल से हवन, भोजन में तिल का प्रयोग और तिल का दान करना चाहिए। इस बार मकर संक्रांति पर दोपहर 1.47 से 5.50 तक पुण्य काल और दोपहर 1.47 बजे से 2.28 तक महापुण्यकाल रहेेंगे।
विजेताओं को बांटे पुरस्कार
अनुभूति कार्यक्रम के तहत कूनो भ्रमण के दौरान ओछापुरा स्कूल के छात्र-छात्राओं ने चित्रकला और क्विज प्रतियोगिता में भागीदारी की। जिसमें विजेता बनने वाले छात्र-छात्राओं को गुरुवार को कूनो वन मंडल के अफसरो ने पुरस्कार प्रदान किया।

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