ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब एक माह से इस पेड़ से पानी निकल रहा है। अभी पिछले करीब एक पखवाड़े से अधिक है। जिसे लेाग बोतलों और बर्तनों में भरकर ले जाते हैं। लोगों का कहना है कि पेड़ से निकलने वाला यह पानी 24 घंटे में करीब एक घंटे में एक लीटर से अधिक निकल जाता है। लोगों का कहना है कि यह पेड़ कई सालों पुराना है। लेकिन पहली बार इस तरह का सफेद पानी निकल रहा है। लोगों की अपनी राय भी है कि यह पानी चर्मरोग, मलेरिया और अन्य बीमारियों के लिए कारगर होता है। एंटीबायटिक का काम करता है। गांव में पहली बार ऐसी घटना देखकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है।
वहीं इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक डॉ.लाखन सिंह गुर्जर का कहना है कि यह प्रक्रिया सभी वृक्षों में होती है, नीम और पीपल आदि में अधिक होती है। जितने पुराने पेड़ होते हैं उनमें कभी कभार यह स्थिति बनती है।