इससे पूर्व त्रिवेणी संगम के किनारे जुटे गांधीवादियों ने इस अवसर पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ बापू के प्रिय भजन प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए…, रघुपति राघव राजाराम…, आदि का समवेत स्वर में गायन किया गया। साथ ही उपस्थितजनों ने समाज में नशामुक्ति, सत्य और अहिंसा का संदेश देने का संकल्प लिया। इस दौरान मौजूद वक्ताओं ने कहा कि श्योपुर जिले के लिए ये गौरव की बात है कि 12 फरवरी 1948 को रामेश्वर त्रिवेणी संगम में बापू की अस्थियां विसर्जित हुई थी। तभी से यहां बीते 71 सालों से गांधी स्मृति दिवस का आयोजन होता है और आज 72वां आयोजन है। कार्यक्रम में श्योपुर विधायक बाबू जंडेल, पूर्व विधायक बद्री प्रसाद रावत, एकता परिषद के रामदत्त सिंह तोमर, समाजसेवी कैलाश पाराशर, महात्मा गांधी सेवा आश्रम के जयसिंह जादौन, अतुल चौहान, अशोक त्यागी आदि सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गांधीवादी और अन्य लोग मौजूद रहे। हालांकि इस बार भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता और जनप्रतिनिधि आयोजन से नदारद दिखे।
कार्यक्रम के दौरान श्योपुर विधायक जंडेल ने आयोजन को सराहनीय बताया, साथ ही उन्होंने रामेश्वर मेला स्थल पर प्रवेश द्वार पर विधायक निधि से गेट बनाने की घोषणा की। कार्यक्रम में कुछ लोगों ने रामेश्वर घाट बनाने की मांग की, जिस पर विधायक ने कहा कि ये घडिय़ाल रिजर्व में आता है, लिहाजा इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। कुछ लोगों ने इस क्षेत्र में पूर्व से प्रस्तावित हवाई पट्टी भी बनाने मांग की। कार्यक्रम उपरांत सहभोज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया।